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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir उतरणी उत्सरंग (जैन) अस्थायी रूप से ली जाने वाली प्रतिज्ञाएं | उत्तिमांग-देखो 'उत्तमांग' । (जैन) । --दाता-वि० जवाब देने वाला ।—दायित्व- उत्तीरण-वि० [सं० उत्तीर्ण] १ परीक्षा या प्रतियोगिता में पु० जिम्मेदारी । -दायी-वि० जिम्मेदार । --दिकपति, । सफल, पास । २ पारंगत । ३ पार गया हुमा । दिसपति-पु० कुबेर । वायु । ---पक्ष, पख-पु० जवाब की | उत्त ग,उत्त गि(गी)-पु० [सं० उत्तुग]घोड़ा अश्व । -वि०१ बहुत, दलील । —पति-पु० कुबेर । वायु । -पथ-पु० देवयान । ऊंचा । २ लंबा । ३ दीर्घ । ४ बढ़िया, श्रेष्ठ । ५ बुलंद । -पद-पु० यौगिग शब्द का अंतिम अंश । –फालगुनी- उत्त-पु० [फा०] कसीदे के कार्य का एक प्रौजार ।। बारहवां नक्षत्र । -भाद्रपद-पु. छब्बीसवां नक्षत्र । उत्तं-क्रि०वि० १ तब तक । २ वहां तक । --सर्व० उतने । -मानस-पु० गया तीर्थ का एक सरोवर। -मीमांसा- उत्थथ-पु० १ उखड़ने की क्रिया या भाव । २ देखो 'उत्थाप' । स्त्री० वेदान्त दर्शन । -मोड़-पू० उत्तर दिशा का रक्षक । | उत्थपणौ (बौ)-देखो 'उथपणी' (बौ)। हिमालय । उत्थळरणौ (बौ)-देखो 'उथळणी' (बी)। उत्तरणौ (बौ)-देखो 'उतरणी' (बौ)। उत्थवरणौ (बौ)-देखो 'उथपणौ' (बी)। उत्तरा-स्त्री० [सं०] १ उत्तर दिशा । २ विराट की कन्या का | उत्थान-पु० [सं० उत्थान] १ उठने का कार्य, उठान । नाम । -खंड-पु० भारत का उत्तरी प्रान्त । २ उन्नति, बढ़ोतरी। ३ विकास । ४ प्रारंभ । ५ समृद्धि । उत्तराड़-स्त्री० उत्तर दिशा की ओर से आने वाली हवा । ६ वृद्धि । ७ जागृति । -एकादसी-स्त्री० कार्तिक शुक्ला उत्तराद, (घ)-देखो 'उतराध' । एकादशी। उत्तरादी (धी)-देखो ‘उतरादी'। उत्थाप-पु० मिटाने या हटाने की क्रिया । -वि० उन्मूलन उत्तरायण-पु० [सं०] १ वे छः मास जिसमें सूर्य की गति उत्तर करने वाला। की ओर झुकी हुई होती है। २ मकर से मिथुन तक के सूर्य उत्थापन-पु० [सं०] १ उठाना, खड़ा करने की क्रिया । का छ: मास का समय व अवस्था । सूर्य की मकर । २ भड़काने की क्रिया । ३ जगाना । ४ वमन, के। रेखा से उत्तर बकं रेखा की पोर की गति । ३ छः मास | उत्पत्ति-स्त्रा०स०] १ जन्म । २ उद्गम । ३ सृष्टि । निमाण । का ऐसा समय जब सूर्य मकर रेखा से चलकर बराबर ४ प्रारंभ । ५ उदय । ६ लाभ, मुनाफा । ७ उद्गम स्थल । उत्तर की ओर बढ़ता है । ---एकादसी-स्त्री० मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की उत्तरासरण-देखो 'उतरासण' । एकादशी। उत्तरियाण-वि० १ उत्तराखंड का, उत्तर भारत का । २ देखो| उत्पन्न-वि० [सं०] १ जन्मा हुमा । २ उदित । उगा हमा। 'उतरायण' । ३ निमित, सृजित । उत्तरी-स्त्री० उत्तर दिशा की वायु । -वि० उत्तर की। उत्पन्ना स्त्री० [सं०] अगहन कृष्णा एकादशी। उत्तरु-देखो 'उतर'। उत्पळ -पु० [सं०] नील कमल । उत्तांन -वि० [सं०उत्तान] ऊवं मुख, चित्त । -पु० राजा उत्तान उत्पात-पु० [सं०] १ उपद्रव, दगा । उत्पात-पु० [सं०] १ उपद्रव, दंगा । २ उधम, बदमाशी। - पाद का नाम । -जात-पु० ध्रुव । -पाद-पु० ध्रुव के ३ विद्रोह, क्रान्ति । ४ अशान्ति । ५ आकस्मिक दुर्घटना । का नाम। ६ शरारत । ७ अशुभ सूचक चिह्न। उत्ता-सर्व० उतने। उत्पातक -पु० [सं०] कान का एक रोग । -वि० उत्पात करने उत्ताप-पु० [सं०] १ कष्ट, पीड़ा । २ ज्वर, बुखार । वाला। ३ उष्णाता, ताप। उत्पाती-वि० [सं० उत्पातित्] उत्पात या बदमाशी करने उत्तारणौ (बो)-देखो 'उतारणौ' (बौ)। वाला, उपद्रवी। उत्ताळ-वि० [सं० उत्ताल] १ उत्कट । २ भयानक । ३ उग्र, उत्पादक-वि० [सं०] उत्पन्न करने वाला, सृष्टा । तेज । ४ दुरूह, कठिन । ५ ऊचा, लंबा । ६ त्वरित । उत्पादन-पु० [सं०] १ पैदावार, उपज । २ उत्पत्ति, जन्म । -स्त्री० शीघ्रता, त्वरा। ३ निर्माण, सृजन। उत्साळी, (उत्तावळी)-देखो 'उतावळी' । (स्त्री० उतावळी) उत्यमतर-देखो 'उत्तमतरु'। उत्तावळी-स्त्री० अातुरता, जल्दबाजी, शीघ्रता । उत्रा स्त्री० उत्तरा । -प्रभ-पु० परीक्षित । उत्तिमंग-देखो 'उत्तमांग' । उत्संग (गि)-स्त्री० गोद, क्रोड । उत्तिम-देखो 'उत्तम'। उत्सरंग-पु० उत्सव, आनन्द, उमंग । For Private And Personal Use Only
SR No.020588
Book TitleRajasthani Hindi Sankshipta Shabdakosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSitaram Lalas
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan
Publication Year1986
Total Pages799
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size20 MB
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