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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४७६ प्रश्नव्याकरणसूत्रे पडिपुण्णगल्लकवोल-चउरंगुल-सुप्पमाण-कंबुरसरिस-गीवा मंसल --संठिय -- पसस्थहणुया दालिमपुप्फप्पगासपीवरपलंब कोंचियवराधरा सुंदरोतरुट्टा दहिदगरय कुंदचंदवासंति मउल-अछिद्द - विमलदसणा रतुप्पलरत्तपउमपत्तसुकुमाल तालुजोहा कणवीर मउलकुडिल अब्भुण्णयउज्जुतुंगनासा सारयनवकमल- कुमुय--कुवलयदल निगर--तरिस- लक्षण पसत्थ-निम्मल--कंतनयणा--आनामिय-चावरु कण्हन्भराइसंठिय--संगयायय---सुजाय--तणु--कलिण---निद्धभूमगा अल्लीण--पमाण - जुत्तसवणा सुस्सवणा पणिमट्ट-गंडलेहा चउरंगुल - विसाल - समनिडाला कोमुईरयणियर - विमल पडिपुण्णा सोम्मवयणा छत्तुण्णयउत्तमंगा अविकल सुसि. णिद्ध दीह-सिरया छत्त २ ज्झय २ जुव३ थूभ ४ दामाण ५ कमंडलु ६ कलस ७ वावि ८ सोस्थिय ९ पडाग १० जव ११ मच्छ १२ कुम्भ १३ रहवर १४ मयर १५ अंक १६ थाल १७ अंकुस १८ अट्ठावय १९ सुपइठ २० अमर २१ सिरियाभिसेय २२ तोरण २३ मेइणि २४ उदधिवर २५ पवरभवण २६ गिरिवर २७ वरायंस २८ सुललियगय २९ वसभ ३० सीह ३१ चामर ३२ पसत्थ बत्तीसलक्खणधराओ हंससरिच्छगईओ कोइलमहुरागिराओ कंता सव्वस्स अणुमयाओ, ववगयवली-पलिय-वंगदुबण - वाहि देभिग्ग-सोयमुक्काओउच्चत्तेणय नरथोवूणमूसियाओ सिंगारागारचारुवेसा सुंदरथणजहणवयणकरचलणणयणा लावण्णरूवजोव्वणगुणाव For Private And Personal Use Only
SR No.020574
Book TitlePrashnavyakaran Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalalji Maharaj
PublisherJain Shastroddhar Samiti
Publication Year1962
Total Pages1002
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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