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________________ गुणतीस हवे पांच मंमकनुं द्वार ११ पांच पाठ नमुथ्थु । पणदंमा सक्कचय | अधीकार बे ते बेश एक १ बे२ पांच | वीसा६ । चनतीसि प्रगतीस बार गुरुवन्ना अरिहंतचैयाांश लोगस्स‍ [॥४०॥ पुख्खरवरदी सिद्धाणंबुद्धा५ इहां पांच रुकने वीषे १२ ॥ चेश्य नाम सुय सिचय इच्च ॥ ए अधीकार बारे नमुथ्थुणादीक मां अनुक्रमे ॥४१॥ हिगारा बारस कमेण ४१ सव्वलोए पुख्खरवरदि६ तमति मीर७ सिद्धा जोदेवा ॥ । दो १इगर दो ३ दो४ पंचय५ नमुथ्थुरां १ जेायइथा श्प्ररि इंतचैयाणं३ लोगस्स४ । नज्जित सेलसिहरे १० च तारिश्रह ११ वेया । न िचत्ता वेया । धाकार अर्थ प्रथम अधी कारे वांदुबु | नमु जेई अरिहं लोग । सव्व पुरक तम सिद्ध जोदेवा ॥ वञ्चगरा १२ ए बारे अधीकारनां श्रा दी पद वे ॥ ४२ ॥ वच हिगार पढम पया ॥ ४२ ॥ ६३ १२ सर्वांक गुरु अक्षरना ॥ ४० ॥ बे‍ पढमहिगारे १ वंदे । नावजिणे बीय एन दव्व जिणे ॥ एक चैत्यनी थापना जिन प्रते त्री चोथा अधीकारमां नांमजिन जे अधीकारे वांदे | प्रते ॥ ४३ ॥ । चनचंमि नामजिणे ॥ ४३ ॥ पांचमे हवे बट्टे अधीकारे श्री मंध रादी वेहेरमान जिन बठ्ठे ॥ तिहुप्रणव्वणजिणे पुण । पंचमए विहरमाण जिए बहे। नावजिन प्रते बीजे अधीकारे द्रव्य जिन प्रते । इगचेश्य व्वण जिणे तइ पांचमे अधीकारे त्रण जुवनना थापनाजिन वली ।
SR No.020562
Book TitlePrakaran Mala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavchand Jechand Shah
PublisherRavchand Jechand Shah
Publication Year1888
Total Pages226
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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