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११. वज्जालग्गं दोण ज्जा पवन्न प्रपन्न ) लीन होना ( गढून जाणे ) कुलक्कम--(कुलक्रम ) कुलक्रम, कुलपरंपरा. तूल--(तूल) रुई, रुआ (कापूस ) उदहि--( उदधि) मागर. ले--(ला) लेना (घेणे ) जलहर-- जलधर मेघ. सिंहवज्जा कुरंगी--(कुरङ्गी ) हरिणी. मइंद--(मगेन्द्र ) वनराज, शेर (सिंह) सोंडीर-(शौण्डीर ) महानता . मडह--(दे.) छोटा ( लहान गंजण--( गजन ) कलंक, अपमान चंदणदज्जा सुसिय--(शोषित ) शुष्क (वाळलेले ) निहस--( नि । घृष् ) घिसना ( घासणे ) महमह, मघमघ-- प्र+म.) पैलना, गन्ध का पसरना ( दरवळ, घमघमाट
सुटणे) विलक्ख--(विलक्ष ) लज्जित. परसु--(परशु ) परश् ( कुन्हाड सन्नय-- (संनत) विनम्र, नत. दुजीह, दुज्जीह--(द्विजिह्वा) साँप (सर्प) मेल्ल, मिल्ल-- ( मुच) छोडना, त्यागना (सोडणे, त्याग करणे)
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