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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १११ ) । अस्वय छाछ में सूजन हो तो । मंगफली दही | नहीं । आचार सुपारी पथ्य नियत समय पर रोज लिया जाये। जलस्वच्छ जल । अस्वच्छ जल रहन सहन (१) परिश्रम करना (१) अच्छी हवा में रहना। (२) मानसिक चिन्ता करना (२) खुली हवा में रहना। (३) सर्दी से बचाव न (३) गर्म कपड़े पहिनना। करना। (४) शक्ति अनुसार घूमने (४) वेग धारण करना जाना। (५) ब्रह्मचर्य न रखना (५) बगीचों की हवा खाना। (६) बन्द मकान में रहना (६) हवा बदलने दूसरे गांव (७) स्वच्छता न रखना जाना। (७) फ़िकर छोड़ना। यकृत रोग। ..(Disease of the Liver.) यकृत के रोगों के सम्बन्ध में पथ्य को लेकर विशेष व्याख्या हमारे श्रायुर्वेद में नहीं मिलती है, पर आज कल लोवर सम्बन्धो बीमारिये अधिक होने लगी हैं अतः यकृत सम्बन्धी रोगों का पथ्य खास तौर पर उद्धृत किया गया है आशा है सर्व साधारण इससे लाभान्वित होंगे। For Private And Personal Use Only
SR No.020550
Book TitlePathya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunamchand Tansukh Vyas
PublisherMithalal Vyas
Publication Year
Total Pages197
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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