SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 40
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११. सफलता का राजमार्ग एक साथ अनेक कार्यों का दायित्व उठा कर उन्हें न करने के बजाय एक बार एक ही कार्य का दायित्व उठा, पूरी शक्ति के साथ परिपूर्ण करना, सफलता हाँसिल करने का राजमार्ग हैं। -श्रीमद् बुद्धिसागरसूरिजी वलसाड दिनांक : २०-१-१९११ जीवन में सर्व कार्य विवेक-दृष्टि रख कर ही क्षीर-नीर नीति से सम्पन्न करने का अभ्यास रखना चाहिए। कारण इस तरह कार्य करने से किसी प्रकार की त्रुटि नहीं रहती। जो कार्य किये जाय उपकी संख्या पर ध्यान न देते हुए कितने कार्य सफलता के साथ पूरे किये, इस बात पर प्रायः लक्ष्य केन्द्रित करना चाहिए। क्योंकि जो भी कार्य को सफलता के साथ कगे। प्रस्तुत वृत्ति को अपना कर उत्तमोत्तम कार्य सम्पन्न कर सकते हैं। जिसकी फल-निष्पत्ति उत्तम हो, ऐसी क्रियाएँ करने में हमेशा आत्मिकशक्तियों का उपयोग करना चाहिए। जो भी कार्य किया जाय पहले उसकी अच्छी तरह जाँच-पड़ताल करनी चाहिए और प्रत्येक कार्य करते हुए उसमें नया अनुभव प्राप्त करना चाहिए । एक साथ अनेक कार्यों का दायित्व उठा कर उन्हें न करने के बजाय एक बार एक ही कार्य का दायित्व उठा, पूरी शक्ति के साथ परिपूर्ण करना, जीवन में सफलता हासिल करने का राजमार्ग है। नियमित रूप से अनुक्रम लगा कर पूरी क्षमता के साथ कार्य करने की आदत डालने से उक्त कार्य करते रहने से आत्मिक शक्ति का नियमित रूप से उपयोग होता शास्त्रों के आधारानुसार श्रमण...साधु के आचार-विचारों की भी नियम पद्धति ये रचना की गयी है...सूत्रबद्ध किया गया है। अतः आत्मिक शक्ति प्राप्त करने २१ For Private and Personal Use Only
SR No.020549
Book TitlePath Ke Fool
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhisagarsuri, Ranjan Parmar
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1993
Total Pages149
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy