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________________ - - - Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 5 ime- - 268/पाण्डुलिपि-विज्ञान For Private and Personal Use Only 6 कलचुरी संवत् 1. किसने चलाया 26 अगस्त 249 ई० तद्नुसार 305-6 248-49 या येरिसंवत् अज्ञात ! आश्विन शुक्ल 1, सं० 306 से जोड़ने से जोड़ने से कुटक 2. दक्षिण गुजरात आरम्भ गत चैत्रादि कोकण, मध्य विक्रम सं० प्रदेश के शिला लेखों में। 3. चालुक्य, गुर्जर, सद्रक, कलचुरी, कूटक वंश के राजाओं के हैं । ई. सन् 1207 के बाद इसका प्रचलन बन्द । भाटिक (भट्टीक) जैसलमेर । भाटी राजाओं के पूर्वज भट्टिक 680-81 623-24 संवत् द्वारा। जोड़ने से जोड़ने से कोल्लम (कोलम्ब) मलाबार से कन्या- उत्तरी मलाबार में कन्या संक्रांति वर्ष सौर महिनों के नाम संक्रांति नाम 824-25 या परशुराम कमारी एवं पिन- सौर आश्विन से प्रारम्भ । दक्षिणी से या चैत्रादि नाम से वर्तमान संवत जोड़ने से संवत् वैल्लि मलाबार में सिंह-संक्रान्ति सौर भाद्रपद से। नेवार (नेपाल) नेपाल में प्रचलित 20 अक्टूबर 879 ई. तद्नुसार गत नेपाल सं. गत में संवत् कार्तिक शु. 1936 वि. सं. में 935-36 878-79 (चैत्रादि) से जोड़ने से जोड़ने से www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
SR No.020536
Book TitlePandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyendra
PublisherRajasthan Hindi Granth Academy
Publication Year1989
Total Pages415
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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