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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जाता है ।" हम यहाँ यह देखेंगे कि ग्रन्थादि में 'काल - संकेत' किस-किस प्रकार से दिये गए हैं ? और उनके सम्बन्ध में क्या-क्या समस्याएं खड़ी हुई हैं ? इतिहास से हमें विदित होता है कि सबसे पहले शिलालेख में जो अजमेर के पास वडली ग्राम में मिला था, Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 1. अशोक से पूर्व में बीर संवत् (महावीर निर्वाण संवत् ) का उल्लेख दिया । 2. अशोक के अभिलेखों में राज्य वर्ष का उल्लेख है । काल निर्धारण/ 253 3. आगे शकों के समय में राज्य व के साथ 'शक संवत्' का वर्ष दिया गया, हाँ, वर्ष संख्या के साथ 'शक' का नाम संवत् के साथ नहीं लगाया गया । वाद में 'शक' का नाम दिया । 4. वर्ष या संवत्सर के साथ पहले ऋतुस्रों का उल्लेख, एवं उनके पात्रों का उल्लेख होने लगा | इसके साथ ही तिथि, मुहूर्त को भी स्थान मिलने लगा । असित पक्ष ऋतु शिशिर समान्नू । कवि ने इसमें संवत् दिया है : सत्रह सौ सोरह दस 5. बाद में ऋतुओं के स्थान पर महीनों का उल्लेख होने लगा । महीनों का उल्लेख करते हुए दोनों पाखों को भी बताया गया है। शुक्ल या शुद्ध और बहुल या कृष्णपक्ष भी दिया गया । 6. इसी समय नक्षत्र (यथा- रोहिणी) का समावेश भी कहीं-कहीं किया गया । 7. वर्ष संख्या श्रंकों में ही दी जाती थी पर किसी-किसी शिलालेख में शब्दों के श्रंक बताये गए हैं । 8. हिन्दी के एक कवि 'सबलश्याम' ने अपने ग्रन्थ का रचना काल यों दिया है : संवत सत्रह से सोरह दस, कवि दिन तिथि रजनीस वेद रस । माघ पुनीत मकर गत भानू रस अर्थात् एकादशी । 1716+101726 यह विक्रम संवत् है, क्योंकि हिन्दी में सामान्यतः इसी संवत् का उल्लेख हुआ है । संवत् का नामोल्लेख न होने पर भी हम इसे विक्रम संवत् कह सकते हैं । कवि ने तब दिन का उल्लेख किया : ' कवि दिन' का उल्लेख भी प्रदभुत है । कवि दिन = शुक्रवार । तिथि अंकों में न लिखकर शब्दों में बतायी गयी है : रजनीस चन्द्रमा 1+ वेद 4+ 611 For Private and Personal Use Only 1. देखिए - गुरु गुगा के पूर्वज का शिलालेख, शोध पत्रिका (वर्ष 22 अङ्क 1), सन् 1971 में श्री गोविन्द अग्रवाल का निबन्ध 'ओझा (बीकानेर) इतिहास के कुछ संदिग्ध स्थल । '
SR No.020536
Book TitlePandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyendra
PublisherRajasthan Hindi Granth Academy
Publication Year1989
Total Pages415
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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