SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 18
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( xvii ) स्थानापन्न शब्द-326, अपरिचित शब्द-327, कुपठित-329, अर्थ समस्या-330, व्याकरण की उपेक्षा के परिणाम-332, अभिधा, लक्षणा, व्यंजना-3331 रख-रखाव 334-361 रख-रखाव की समस्या-334, ताडपत्र ग्रन्थ कहाँ सुरक्षित-334, भूर्जपत्र ग्रन्थ कहाँ-334, कागज के ग्रन्थों की स्थिति-335, ग्रन्थों के विनाश के कारण-335, विदेशी आक्रमण-335, साम्प्रदायिक विद्वेष336, भंडारों को बचाने के उपाय--336, 'तुन ह्वांङ' में ग्रन्थ सुरक्षा का कारण-337, कन्दराओं के ग्रन्थ-339, ज्ञान भंडारों के रक्षण की आवश्यकता के कारण-339, बाहरी प्राकृतिक वातावरण से रक्षा341, व्हलर का अभिमत-342, रख-रखाव का विज्ञान-344, वातावरण का प्रभाव-344, अच्छे रख-रखाव के उपाय-345, साधन345, पांडुलिपियों के शत्रु-346, थाइमल चिकित्सा-347, कीड़ेमकोड़ों से हानि और रक्षा-347, वाष्प चिकित्सा-348, दीमक-348, पांडुलिपियों में विकृतियाँ और चिकित्सा--350, सामग्री-350, चिकित्सा-351, अन्य चिकित्साएं-352, शिफन चिकित्सा-353, टिश्यू चिकित्सा-353, परतोपचार-354, भीगी पांडुलिपियों का उपचार-354, कागज को अम्ल रहित करना-355, अम्ल-निवारण355, राष्ट्रीय अभिलेखागार की पद्धति-356, अमोनिया गैस से उपचार-357, ताड़पत्र एवं भूर्जपत्र का उपचार-357, डेक्स्ट्राइन की लेई-358, मैदे की लेई-359, चमड़े की जिल्दों की सुरक्षा-359, उपयोगी पुस्तकें-360। परिशिष्ट--1 पुस्तकालय सूची 362-374 परिशिष्ट-2 काल निर्धारण 374-375 परिशिष्ट-3 ग्रन्थ-सूची 375-380 For Private and Personal Use Only
SR No.020536
Book TitlePandulipi Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyendra
PublisherRajasthan Hindi Granth Academy
Publication Year1989
Total Pages415
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy