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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir xiv के साथ अनुदान स्वीकृत किया है। विभाग के सम्माननीय मन्त्री, सचिव एवं अन्य पदाधिकारियों के प्रति हम आभार व्यक्त करते हैं। _इस शब्दकोश के प्रथम भाग के प्रथम खण्ड के सम्पादकमण्डल के सदस्य डा. सुकोमल चौधुरी तथा डा. ब्रज मोहन पाण्डेय 'नलिन' के प्रति हम हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। इस खण्ड के संकलन में भी हमें इन विद्वानों से प्रेरणा प्राप्त हुई है। स्व. श्यामदेव द्विवेदी ने इस खण्ड की पाण्डुलिपि के कुछ अंशों का संशोधन कर एवं विषयवस्तु को व्यवस्थित कर के हमें अनुगृहीत किया है। उनके प्रति हम सम्मान प्रकट करते हैं। नव नालन्दा वहार के रजिस्ट्रार डा. एस. पी. सिन्हा ने इस परियोजना के कार्यान्वयन में तत्परतापूर्वक अमूल्य सहयोग दिया है। उन्हें धन्यवाद दिये बिना हम अपना कर्त्तव्य पुरा नहीं समझेंगे। इस खण्ड की पाण्डुलिपि तैयार करने में शोधसहायक स्व. मुरारी मोहन कुमार सिन्हा, डा. चिरंजीव कुमार आर्य, डा. विश्वजीत प्रसाद सिंह, श्री सच्चिदानन्द सिंह, भिक्षु प्रज्ञापाल और श्री विनोदानन्द झा का योगदान है, जिसके लिए उन्हें साधुवाद देना अनिवार्य है। श्री राजेश कुमार जायसवाल ने पाण्डुलिपि का कम्प्यूटर टंकण पूर्ण निष्ठा एवं मनोयोग के साथ किया है। इसके लिए हम उन्हें हार्दिक धन्यवाद देते हैं। पैरागॉन इण्टरप्राइजेज, नई दिल्ली के संचालक भी स्वच्छ, सुन्दर मुद्रण एवं गेट-अप के लिए धन्यवाद के पात्र हैं। स्खलन पर दुर्जन हंसते हैं पर सज्जन समाधान करते हैं। आशा है, सुधी पाठक इसकी न्यूनताओं को बतलाते हुए अपना बहुमूल्य सुझाव देकर हमें अनुगृहीत करेंगे ताकि आगामी खण्डों में उन सुझावों के अनुरूप अपेक्षित सुधार किया जा सके। नव नालन्दा महाविहार (मानित विश्वविद्यालय), नालन्दा बुद्धाब्द - 2552 ई. सन. दिसम्बर 2008 रवीन्द्र पंथ निदेशक और प्रधान सम्पादक एवं सम्पादकमण्डल For Private and Personal Use Only
SR No.020529
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2009
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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