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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 78 आदिपाद आदिब्रह्मचरियक आदिपाद पु., श्रीलङ्का के प्राचीन शासकों के एक आदिब्रह्मचरिय नपुं., ब्रह्मचर्य अथवा आर्यमार्ग के प्रारम्भ में उच्च पदाधिकारी की शासकीय उपाधि - दो प्र. वि., ए. ही पालनीय शील, ब्रह्मचर्य-जीवन की पूर्णता हेतु प्रारम्भ व. - आदिपादो व सो तस्मा हुत्वा रज्ज विचारयि, चू, वं. में ही पालनीय प्राणातिपात से विरति आदि पांच, आठ या 48.31. दश शील - आदिब्रह्मचरियं तु तदनं सीलमीरितं, अभि. आदिपादकजम्बु स्त्री., श्रीलङ्का के एक प्राचीन स्थान का प. 431; ब्रह्मचरियस्स अरियरस मग्गस्स आदिम्हि तदत्थाय नाम - आदिपादकजम्बू ति विस्सुतम्हि पदेसके, चू. वं. च चरितब्बता आदिब्रह्मचरिय, अभि. प. सूची. 37; - यं 61.15. प्र. वि., ए. व. - आदि ब्रह्मचरियस्साति आदिब्रह्मचरिय, आदिपादकपुन्नागखण्ड पु., श्रीलङ्का के रोहण-क्षेत्र के एक विसुद्धि. महाटी. 1.30; - यं द्वि. वि., ए. व. - स्थान का नाम - नाम त्रि., आदिपादपुन्नागखण्ड नाम तिण्णविचिकिच्छो खो पन सो भगवा विगतकथंकथो वाला - म म्हि नपु., सप्त. वि., ए. व. - परियोसितसङ्कप्पो अज्झासयं आदिब्रह्मचरियं दी. नि. आदिपादकपुन्नागखण्डनामम्हि ठानके, चू. वं. 75.14. 2.165; आदिब्रह्मचरियं पटिजानन्ति, तेसाहमस्मि, म. नि. आदिपाराजिकुट्ठान त्रि., ब. स., प्रथम पाराजिक से उत्पन्न 2434; आदिब्रह्मचरियन्ति ब्रह्मचरियस्स आदिभूता उप्पादका होने वाला-ना स्त्री., प्र. वि., ए. व. - आदिपाराजिकुठाना, जनकाति एवं पटिजानन्तीति वुत्तं होति, म. नि. अट्ठ. अयन्ति परिदीपिता, उत्त. वि. 340. (म.प.) 2.318 - येन तृ. वि., ए. व. - करणत्थे आदिपुब्बङ्गम त्रि., पूर्ववर्तियों में प्रथम, प्रारम्भ में ही पूर्ववर्ती पच्चत्तवचन, अधिकासयेन उत्तमनिस्सयभूतेन - मं नपुं., प्र. वि., ए. व. - मूलनिदानं पठमं आदिपुब्बङ्गम आदिब्रह्मचरियेन पेराणब्रह्मचरियभूतेन च अरियमग्गेन, दी. धुरं दी. वं. 4.32; - मो पु., प्र. वि., ए. व. - आदिपुब्बङ्गमोनि . अट्ठ. 2.225. असि, तस्स दानस्सिदं फलं, अप. 1.338. आदिब्रह्मचरियक त्रि., [बौ. सं. आदिब्रह्मचर्यक], भिक्षुजीवन आदिपुरिस पु., तत्पु. स. [आदिपुरुष], प्रथम व्यक्ति, पहला के आधारभूत शीलों से सम्बद्ध, ब्रह्मचर्य के मार्ग के आदि पुरुष, प्रथम पुरुष (व्या. के सन्दर्भ में)- सो प्र. वि., ए. में अथवा पूर्वभाग में आया हुआ, बुद्ध की त्रिविध शिक्षाओं व. - यहि लोके अच्छरियट्ठानं बोधिसत्तोव तत्थ में आदिभूत शील की शिक्षा के साथ सम्बद्ध - को पु., प्र. आदिपुरिसोति, पटि. म. अट्ठ 1.299; - वाचक त्रि. वि., ए. व. - आदिब्रह्मचरियकोति मग्गब्रह्मचरियस्स प्रथम पुरुष का अर्थ कहने वाला - को पु., प्र. वि., ए. आदि पुब्बभागप्पटिपत्तिभूतो, म. नि. अट्ठ. (उप.प.) 3.180; व. -वधा वा वत्तमानायं, आदिपुरिसवाचको अत्थो भवे ति आदिब्रह्मचरियकोति सिक्खत्तयसङ्गहस्स एतस्स भवती ति पि युज्जति, सद्द. 1.33. सकलसासनब्रह्मचरियस्स आदिभूतो, अ. नि. अट्ठ. 3.197; आदिपोत्थकी पु.. राजा के भण्डारगृह का अधिकारी- - यिका स्त्री, प्र. वि., ए. व. - आदिब्रह्मचरियिकाति की प्र. वि., ए. व. - अस्समण्डलतित्थट्ठो मग्गब्रह्मचरियस्स आदिभूतानं चतुन्नं महासीलानमेतं कित्तिनामादिपोत्थकी, चू. वं. 72.27; - किं द्वि. वि., ए. अधिवचनं, अ. नि. अट्ठ. 2.392; - य च/ष. वि., ए. व. व. - ततो रक्खाधिकारिं च सामन्तं चादिपोत्थकि, चू. वं. - आदिब्रह्मचरियकायाति सेक्खपण्णत्तियं विनेतुं न 72.160; क्यानगामे नियोजेत्वा कित्तिनामादिपोत्थकि चू. पटिबलोति अत्थो, महाव. अट्ठ. 259; - कं नपुं., प्र. वि., वं. 72.207. ए. व. - नादिब्रह्मचरियकन्ति सिक्खत्तयसवातस्स आदिप्पति आ +दिप का वर्त, प्र. पु., ए. व. [आदीप्यते]. सासनब्रह्मचरियकस्स न आदिमत्तं, अधिसीलसिक्खामत्तम्पि प्रकाशित होता है, चमकता है, जलता है - न्ति ब. व. न होति, दी. नि. अट्ठ 1.280; न आदिब्रह्मचरियकन्ति - अयञ्च महापथवी सिनेरु च पब्बतराजा आदिप्पन्ति ब्रह्मचरियस्स आदिमत्तम्पि पुब्बभागसीलमत्तम्पि न होति, पज्जलन्ति एकजाला भवन्ति, अ. नि. 2(2).239. म. नि. अट्ठ. (म.प.) 2.103; - का पु., प्र. वि., ब. व. - आदिप्पन नपुं., आ + दिप से व्यु., क्रि. ना., प्रकाशित नेते, भिक्खवे, वितक्का अत्थसंहिता नादिब्रह्मचरियका ..., होना, प्रभास्वर होना, जाज्वल्यमान होना, तेज प्रभा वाला स. नि. 3(2).481; - कानि नपुं., प्र. वि., ब. व. - होना - तो प. वि., ए. व. - आदिप्पनतो पन आदिच्चो, अस्थसंहितानि, भिक्खवे, धम्मचेतियानि लीन. (दी.नि.टी.) 3.137. आदिब्रह्मचरियकानी ति, म. नि. 2.333. For Private and Personal Use Only
SR No.020529
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2009
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size10 MB
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