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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अच्चुळार 54 अच्छ ष. वि., ए. व. [अत्युपसेवतः], अत्यधिक साथ संग करने ख. अच्च का वर्त.. प्र. पु., ए. व., [अर्चयति], तुल. वाले का - अनत्था तात ववन्ति, बालं अच्चुपसेवतो, जा. अच्चति, द्रष्ट. अच्चति के अन्त.. अट्ठ. 3.463. अच्चेन्ति-सुत्त नपुं., स. नि. के देवतासंयुत्त के चौथे सुत्त अच्चुळार त्रि., [अत्युदार], अत्यधिक प्रभावशाली - राहि का नाम, स. नि. 1(1).3-4. स्त्री., तृ. वि., ब. व. - अच्चुळाराहि पूजाहि देवा नागा नरा अच्चोक्कट्ठ त्रि.. [अत्यवकृष्ट], नीचे की ओर अत्यधिक पिच. म. वं. 19.7. खींचा गया अथवा ले जाया गया - ... न च तस्स भोतो अच्चेक त्रि., अतिरिक्त, असाधारण, असामान्य, प्रदान की जा गोतमस्स काये चीवरं अच्चुक्कट्ठे होति न च अच्चोक्कट्ठ, रही वस्तु-विशेष की समय आदि की दृष्टि से असामान्यता म. नि. 2.347. - अच्चेकं मञ्जमानेन भिक्खुना पटिग्गहेतब्बं ..., पारा. अच्चोगाळ्ह त्रि., [अत्यवगाढ़], अमर्यादित, असंयत, 388; -- चीवर नपुं, कर्म, स., भिक्षु द्वारा असामान्य __अत्यधिक अपव्यययुक्त - ... समं जीविकं कप्पेति नाच्चोगाळ्हं परिस्थिति में प्राप्त चीवर - अच्चेकं मञ्जमानेन ... नातिहीनं अ. नि. 3(1).110. पटिग्गहेतब्ब पटिग्गहेत्वा याव चीवरकालसमयं अच्चोदक नपुं, कर्म. स. [अत्युदक]. अत्यधिक जल - निक्खिपितब्बन्ति सञआणं कत्वा निक्खिपितब्ब, इदं । सेसजनेहि कतसस्सं अच्चोदकेन वा अनोदकेन वा नस्सति, अच्चेकचीवर न्ति, पारा. 389; - चीवर-सिक्खापद नपुं, ध. प. अट्ट, 1.33; - टि. अच्चोदर (अति + उदर) एवं निस्सग्गिय 28 का शीर्षक, पारा. 387-90; - टि. सेनाक्षेत्र पच्चोदर आदि के सादृश्य पर अच्चुदक के स्थान पर की ओर जा रहे, लम्बी यात्रा पर निकल रहे अथवा गम्भीर अच्चोदक रूप, द्रष्ट, मो. व्या. 1.29. रूप से रुग्ण व्यक्ति द्वारा दान दिया गया तथा पूर्णिमा के अच्चोदर नपुं., कर्म. स., बहुत बड़ा उदर, विशाल पेट - दिन भिक्षु के द्वारा प्राप्त चीवर अच्चेक-चीवर कहलाता उदरं नून अजेसं सुव अच्चोदरं तव, जा. अट्ठ. 4.248. अच्चोदात/अतिओदात त्रि., [अत्यवदात], अत्यधिक अच्चेति क. अति + Vइ का वर्त, प्र. पु., ए. व., [अत्येति], उजला, अत्यधिक गोरी त्वचा वाला - ता स्त्री., प्र. वि., ए. 1. पार कर जाता है, अतिक्रमण करता है, उल्लंघन करता व.- ... अभिरूपा दस्सनीया ... नातिकाळिका नाच्चोदाता है - वेलं न अच्चेति महासमुद्दो, जा. अट्ठ. 6.187; ... न ...., दी. नि. 2.131; अतिओदाताय खीरं अतिउण्ह होति. अच्चेतीति ... वेलं अतिक्कमितुं न सक्कोति, जा. अट्ठ. 6. जा. अट्ठ. 6.3. 188; 2. एक ओर होकर निकल जाता है, खो जाता है, अच्छ 1. पु.. [ऋक्ष], भालू - अच्छो इक्को च इस्सो त. अदृश्य हो जाता है - अत्था अच्चेन्ति माणवे, दी. नि. अभि. प. 612; - छं द्वि. वि., ए. व. - तेन खो पन 3.140; - न्ति ब. व. ... माणवेति एवरूपे पुग्गले अत्था समयेन लुद्दका ... अच्छं हन्त्वा ... विहरन्ति, महाव. 2963B अतिक्कमन्ति, तेसु न तिट्ठन्ति, दी. नि. अट्ठ. 3.118; 3. -स्स च. वि, ए. व. - यो च हत्थिस्स भायति ... अच्छस्स उपेक्षा करता है, खो देता है - ... अत्तनो अत्थं न अच्चेति ... भायति, मि. प. 149; - चम्म नपुं, तत्पु. स., [ऋक्षचर्मन]. नातिवत्तति, न हापेतीति अत्थो, जा. अट्ठ. 4.149; 4. गुजर भालू की खाल - तेन खो पन समयेन सङ्घस्स अच्छचम्म जाता है, बीत जाता है - च्चयन्ति वर्त., प्र. पु.. ब. व. - उप्पन्न होति, चूळव. 307; - फन्दन नपुं.. द्व. स., शा. अच्चयन्ति अहोरत्ता, जीवितं उपरुज्झति, थेरगा. 145; अ. भालू एवं फन्दन नामक एक वृक्ष, ला. अ. स्वाभाविक अच्चयन्तीति अतिक्कमन्ति, लह लहं अपगच्छन्तीति अत्थो, वैर-भाव - नानं ष. वि., ब. व. - ... अच्छफन्दनानं विय थेरगा. अट्ठ. 1.289; 5. मर जाता है, कालकवलित हो काकोलूकानं विय च कप्पट्ठितिकं वो वेरं अभविस्स, ध. प. जाता है - मच्चो एकोव अच्चेति, एकोव जायते कुले, जा. अट्ठ. 1.32; - मंस नपुं.. [ऋक्षमांस], भालू का मांस - अट्ठ. 4.116; 6. किसी दूसरे की तुलना में अधिक श्रेष्ठ अच्छमंसं सूकरमंसन्ति ... खादति, ध, स. अट्ठ. 406-7;होता या बढ-चढ़कर होता है - पञ्जन अच्चेति सिरी वसा स्त्री., तत्पु. स. [ऋक्षवसा]. 1. भालू की चर्वी - सं कदाचि, जा. अट्ठ. 6.191; 7. अभिभूत कर लेता है, 'वशवर्ती द्वि. वि., ए. व. - अनुजानामि भिक्खवे, वसानि भेसज्जानि बना लेता है, नियन्त्रित कर लेता है - कथं स दुक्खमच्चेति, - अच्छवसं, मच्छवसं, सुसुकावसं. महाव. 275; परि. 253; सु. नि. 185-86; पुरायं अम्हे अच्चेति.... जा. अट्ठ. 5.147; 2. केवल गवच्छ, सेतच्छ जैसे स. उ. प. में अच्छि के For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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