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________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra राजभवन, पटना RAJ BHAVAN PATNA-800022 पुरोवाक् पचास वर्ष पहले डा. भीमराव अम्बेडकर जी ने भगवान् गौतम बुद्ध का 'धम्म' अपनाया और महाराष्ट्र में लाखों लोगों ने बौद्ध-धर्म को स्वीकार किया। तबसे पालि-भाषा में बौद्ध धर्म का साहित्य पढ़ने हेतु लोगों की रुचि जागने लगी। पचास वर्ष बाद अब उत्तर प्रदेश, बिहार एवं मध्य प्रदेश, इन हिन्दी-भाषी प्रदेशों में बौद्ध धर्म की लहर दौड़ने लगी है। पालि-भाषा के ग्रन्थ पढ़ने, समझने के लिए पालि-हिन्दी शब्दकोश की बहुत आवश्यकता प्रतीत होते देख नव नालन्दा महाविहार के निदेशक डॉ. रवीन्द्र पंथ के नेतृत्व में पालि-हिन्दी शब्दकोश का कार्य शुरू हुआ और अब भगवान् गौतम बुद्ध के 2550वें महापरिनिर्वाण वर्ष दुनिया भर में गंभीरता के साथ मनाने के ऐतिहासिक क्षण पर पालि-हिन्दी शब्दकोश, खंड-1 का प्रकाशित होना मेरे लिए हर्ष की बात है। इस शब्दकोष के प्रकाशन से पालि-भाषा के सामान्य पाठक, शोध-कर्ता, प्राध्यापकगण, विद्यार्थी एवं बौद्ध-धर्म के अनुयायियों को पालि-भाषा पढ़ने-समझने में बड़ी सुलभता होगी, ऐसा मेरा विश्वास है। नव नालन्दा महाविहार की स्थापना 1951 ई. में हुई। पालि एवं बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के कारण इस संस्थान ने अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित की है। 1955-56 ई. में 2500वें बुद्धमहापरिनिर्वाण-जयन्ती के पुनीत अवसर पर संस्थान के निदेशक पूज्य भिक्खु जगदीश कश्यप जी ने पहली बार देवनागरी लिपि में समस्त पालि-तिपिटक के प्रकाशन का ऐतिहासिक कार्य किया। यह संस्करण समूचे बौद्धजगत् में तथा बौद्धविद्यावेत्ताओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है। आज भी विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के ज्ञानी, तिटिपक के इसी संस्करण के उपयोग के प्रबल पक्षधर हैं। पूज्य कश्यप जी की भी यह अभिलाषा थी कि छात्रों, विद्वानों For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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