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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अबुद्धि उपगतो अपरिनिद्वितता अयुत्थोति दुच्चतीति, विन. कि. टी. 2.188 पुब्ब त्रि. ब. स. [ अनुषितपूर्व ] पूर्वकाल में एक साथ निवास नहीं किया हुआ ब्बं पु. द्वि. वि., ए. व.- तत्थ असन्धुतन्ति एकाहद्वीहम्पि एकतो अयुत्थपुब्बं जा. अट्ठ. 7.208. अवुद्धि स्त्री, वुद्धि का निषे [ अवृद्धि], पतन, पराभव - द्वि प्र. वि. ए. व. अभवो ति अबुद्धि, सद. 1.248द्धिं द्वि. कि.. ए. व. पराभवतीति पराभवो होति व्यसन आपज्जति अवुद्धिं पापुणाति सद. 14 क त्रि अवुद्धि से व्यु. [अवृद्धिक], बिना वृद्धि वाला, विश्वास या वृद्धि से रहित - का स्त्री. प्र. वि., ए. व. तनोति तनुते ति अवुद्धिका सह - - BAA 2.550. अवुसित त्रि वस के भू. क. कृ. का निषे [ अनुषित ]. ठीक से पालन न किया गया, उचित रूप में आचरण नहीं किया गया तेन पु. तृ. वि. ए. व. असितेन मे एत्थ सितं, म. नि. 2. 193; अवुसितेनेव ब्रह्मचरियेन वुसितं नाम होति. म. नि. अ. (म.प.) 2.163 त नपुं भाव. [ अवुषितत्त्व], उचित रूप में आचरण या पालन नहीं किया जाना ताप. वि. ए. व. अम्बट्टो मानवो.. अनुसितत्ताति दी. नि. 1.79; वन्तु त्रि. (अनुषितवत्] पालन या आचरण नहीं करने वाला वा पु०, प्र. वि., ए. व. आचरियकुले अवुसितवा... असिक्खितो... समानो, दी. नि. अट्ठ. 1.206; वाद पु. तत्पु. स. अप्रतिपालक या आचरण न करने वाले के रूप में कथन देन तृ. वि., ए. व. अयुसितवादेन दुच्चमानो कुपितो दी. नि. 1.79. अनुपच्छेद / अवूपच्छेद पु.. [अव्युच्छेद], व्यवधान का अभाव, निरन्तरता दो प्र. वि. ए. व. यत्थ अनुपच्छेदो तत्थ सन्तति नेति 66. - - www.kobatirth.org - " अवूपसन्त त्रि वि + उप + √सम के भू. क. कृ. का निषे. [अव्युपशान्त), अशान्त, सङ्कटों या विपदाओं से भरपूर तो पु.. प्र. वि. ए. व. उद्धतो लोको अवूपसन्तोति पटि. म. 116; तं नपुं. प्र. वि., ए. व. घट्टितं चलितं भन्तं अनूपसन्त, महानि, 369: अनुपसन्तन्ति अनिब्बुत महानि, अट्ठ 374 न्ता पु. प्र. वि. ब. व. अवूपसन्ता अज्झतं - अच्छति, थेरगा. 936 - चित्त ब० स० [अव्युपशान्तचित्त ]. अशान्त चित्त वाला, उद्विग्न चित्त वाला, राग द्वेष आदि से दूषित मन वाला त्ता पु०, प्र. वि., ब० व. अज्झत्तं अqपसन्तयिता म. नि. 3.353: न्ताकार पु., कर्म. स., अशान्त अवस्था, अशान्ति, व्याकुलाहट से पु. प्र. वि., 654 - अवेच्च ए. व. अवूपसमो नाम अवूपसन्ताकारो म. नि. अट्ठ(मू०प०) 1 (1). 295. अनूपसम पु. [अव्युपशम] चित्त में शान्ति का अभाव, चित्त में राग एवं द्वेष आदि के कारण उत्पन्न व्याकुलता या व्यग्रता मो प्र. वि. ए. व. चेतसो अवूपसमो, स. नि. 3 ( 1 ) .82 मे सप्त वि. ए. व. - 3(1).82; चेतसो अनूपसमे अयोनिसोमनसिकारेन... उप्पादो होति, म. नि. अट्ठ. ( मू.प.) 1 (1) 295 लक्खण त्रि. ब. स. [अव्युपशम-लक्षण]. अशान्ति या चञ्चलता के लक्षणों से युक्त णं नपुं. प्र. वि. ए. व. तं अनुपरामलक्खणं वाताभिघातचलजलं विय अभि. अव. 25. अवेकल्ल त्रि०, ब० स० [ अवैकल्य], विकलता से रहित, अविचल, दृढ़ता से परिपूर्ण ल्लं नपुं., द्वि. वि., ए. व. जष्णु अवेकल्लं करोति मि. प. 391 ता स्त्री. भाव. [ अविकलता ], पूरी तरह से सही-सलामत होना या सक्षम होना, परिपूर्णता - इन्द्रियानं अवेकल्लता दुल्लभा लोकस्मिं, अ. नि. 2 (2).141; - नाम त्रि. व. स. [ अवैकल्यनाम]. अविकलता या परिपूर्णता के अनुरूप नाम पाने वाला मं पु.. द्वि. वि. ए. व. अनोमनामन्ति सब्बगुणसमन्नागतत्ता अवेकल्लनाम स. नि. अ. 1.76 बुद्धि स्त्री. कर्म. स. [ अविकलबुद्धि], परिपूर्ण बुद्धि बुद्धिसम्पन्नोति अवेकल्लबुद्धिसम्पन्नो, जा. अड्ड. 7.192. अवेक्खति अब + √इक्ख का वर्त. प्र. पु. ए. व. [बौ. सं. अवीक्षते ], करुणा के साथ अवलोकन करता है, बिना विशेष प्रयास के ही दिव्यचक्षु द्वारा देखता है, अवेक्खति जातिजराभिभूतन्ति इतिवु. 25. पब्बतमुद्धनि ठितो भूमिय ठिते... अकिच्छेन अवेक्खति, तथा सोपि धीरो .... बाले चवन्ते च उपपज्जन्ते व अकिछेन अवेक्खतीति ध. प. अट्ठ. 1.147. " 4 - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - अविचिकिच्छ त्रि, ब० स० [अविचिकित्स], सन्देह या विचिकित्सा से मुक्त च्छो पु.. प्र. वि. ए. व. - अविचिकिच्छो समानो भब्बो रागं पहातु, अ. नि. 3(2).123; च्छी पु. प्र. वि. ए. व. अकङ्क्षी होति अविचिकिच्छी निदुङ्गतो सद्धम्मे अ. नि. 1 ( 2 ) 203. " For Private and Personal Use Only " अवेच्च अo, अव + √इ का पू. का. कृ. [बौ. सं. अवेत्य ]. अच्छी तरह से जान कर गम्भीर रूप में प्रवेश करके ठीक से जान कर यो अरियसच्चानि अवेच्च परसति, सु. नि. 231: यो अरियसच्चानि अवेच्च परसतीति यो चत्तारि अरियसच्चानि पञ्ञाय अज्झोगाहेत्वा पस्सति, सु. नि. अ.
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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