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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अपराजित 373 अपराधीन नपुं.. तत्पु. स. [अपराजितस्थान], अपराजेय प्राणी का स्त्री., अपराध करने वाली नारी - अहं रओ महापतापस्स स्थान - अपराजितवानम्हि, बोधिपल्लङ्कमुत्तमे, बु. वं. 361; अपराधकारिका, ... जा. अट्ठ. 3.153; - रहित त्रि., अप. 2.361; - पल्लङ्क पु., तत्पु. स. [अपराजितपर्यङ्क], [अपराधरहित], निरपराधी, बेकसूर - अनापराधकम्मन्तन्ति अपराजेय व्यक्ति का पालथी लगाकर बैठना, बोधिवृक्ष के कामकम्मादीसु अपराधरहितं, जा. अट्ठ. 6.309; - धानुरूपं नीचे सिद्धार्थ का ध्यान की अवस्था में शान्तभाव से विशेष अ., क्रि. वि., किये गये अपराध के अनुसार - अपराधे आसन बना कर बैठना - ... अपराजितपल्लङ्क आभुजित्वा अपराधानुरूपं वधबन्धनछेदनताळनादिवसेन करोति, जा. निसीदि, जा. अट्ठ. 1.81; ... बोधिरुक्खमूले अपराजितपल्लङ्के अट्ठ. 2.195; अपराधं पन अनुविज्जित्वा अपराधानुरूप ... उदपादि, सु. नि. अट्ठ. 1.117; - संघ पु., कर्म. स. असाहसेन विनिच्छयं करोन्ता .... ध. प. अट्ठ. 2.219. [अपराजितसङ्घ], अपराजेय अर्हतों का समूह - आगतम्ह अपराधी त्रि., अपराध से व्यु. [अपराधिन], अपराध करने इमं धम्मसमयं, दक्खिताये अपराजितसङ्घन्ति, स. नि. वाला - ... राजापराधिनो हुत्वा अझं पविसित्वा चोरिकाय 1(1).31; दक्खिताये अपराजितसङ्घन्ति केनचि अपराजितं जीविकं कप्पेन्ता .... उदा. अट्ठ. 344. अज्जेव तयो मारे महित्वा विजितसङ्गाम इमं अपराजितसङ्घ अपराधिक त्रि., अपराध से व्यु., प्रायः स. उ. प. में प्रयुक्त दस्सनत्थाय आगतम्हाति अत्थो, स. नि. अट्ठ. 1.69. [अपराधिन्], शा. अ. किसी के विरुद्ध अपराधकर्म करने अपराजित- पु., व्य. सं., 1. एक चक्रवर्ती राजा का नाम - वाला - ते तं सासनं सुत्वा संसारे विचरन्तानं न पुत्तो न इतो च सत्तमे कप्पे, एकोसिं अपराजितो, अप. 1.225; धीता नाम नत्थि, ते अम्हाकं महापराधिका, .... जा. अट्ठ. 2. एक गृहस्थ का नाम - कनिट्ठस्स अपराजितोति, ध. प. 1.122; अ. नि. अट्ठ. 1.167; तस्स इस्सरापराधिकस्स अट्ठ.2.399; ... अपराजितोयेव नाम भागिनेय्यो उपसमित्वा. परिसस्स कतदोसो अहन्ति जानन्तस्स ... उप्पज्जेय्याति, ध. प. अट्ट, 2.400. मि. प. 150; अनेकदिवसं उपरिगङ्गाय राजापराधिक चोरं अपराजिता स्त्री., [अपराजिता], 1. एक जड़ी या औषधीय हत्थपादे च कण्णनासञ्च छिन्दित्वा ... पवाहेसुं, जा. अट्ठ. पादप का नाम, गिरिकी नाम की जड़ी का दूसरा नाम - 2.97; वेस्सवणापराधिको विय यक्खो , मि. प. 20; ला. अ. गिरिकण्यपराजिता, अभि. प. 584; 2. सक्करी वर्ग के च्युत हो जाने वाला, परिभ्रष्ट, वञ्चित - अविज्जानिवतो अन्त. परिगणित एक समवृत्त छन्द, जिसके प्रत्येक पाद में पोसो, सद्धम्म अपराधिको, अ.नि. 3(1).62; ..... अहमेवेत्थ 14 वर्ण रहते हैं - न-न-र-स-लह-गा सरेहि पराजिता, वुत्तो. अपराधिको, अ. नि. अट्ठ. 2.11. अपराधिकता स्त्री., अपराधिक का भाव., अपराधी होना, अपराध पु., अप + Vराध से व्यु., क्रि. ना. [अपराध], अपराधी होने की अवस्था - दिलथ कारण? अपराधिकता, अपराध, पाप से भरे-बुरे काम, दोषमय क्रियाकलाप, बाधक एवमेव ... पवत्तेोत, मि. प. 183... कार्य - आगु वुत्तमपराधो, अभि. प. 355; - धो प्र. वि., ए. अपराधित त्रि., अप + Vराध के प्रेर. का भू. क. कृ., खो व. - किं चिन्तयमानो दुम्मनोसि, नून देव अपराधो अस्थि चुका, खो दिया गया, अपराध किया गया - अत्थञ्च धम्म महन्ति, जा. अट्ठ. 6.214; -धं द्वि. वि., ए. व. - अत्थं अनुसास में इसे, अतीतमद्धा अपराधितं मया, जा. अट्ठ. करिस्सन्ति मुसा अभाणिं, एकापराधं खम राजसेट्ट, जा. 7.140; ... अपराधितं मया ति एकसेन मया अतीतं कम्म अट्ठ. 3.348; - धेन तृ. वि., ए. व. - सत्ता च अत्तनो अपराधितं विराधित, तदे; किं ते अपराधितं मया, यं में अपराधेन न तथा विहअन्ति, उदा. अट्ठ. 265; - धस्स ष. ओवरियानं तिट्ठसि, थेरीगा. 369; - कम्म नपुं., कर्म. स., वि., ए. व. - अकारकाति अपराधस्स न कारका, उदा. अट्ठ. अकुशल कर्म, अनुचित कर्म, बुरा काम - इदं वा 211; -धे सप्त. वि., ए. व. - यो पन ... तस्मिं तस्मिं राजापराधितकम्मं तया कतन्ति एवरूपं दारुणं अब्भक्खानं अपराधे अपराधानुरूपं वधबन्धनछेदनताळनादिवसेन करोति, वा, ध. प. अट्ठ. 2.40. जा. अट्ठ. 2.195; - क त्रि., अपराध से व्यु. [अपराधक], अपराधीन त्रि., पराधीन का निषे. [अपराधीन], स्वतन्त्र, वह अपराध करने वाला, बुरे काम करने वाला - अपराधका जो दूसरों के सहारे पर नहीं है, स्वाधीन, आत्मनिर्भर - दूसका हेठका च, लभन्ति ते राजिनो निज्झपेतुं, जा. अट्ठ. ... अत्ताधीनो अपराधीनो भुजिस्सो येनकामंगमो, दी. नि. 4.448; - कारक त्रि.. [अपराधकारक], उपरिदत्; - रिका 1.64; म. नि. 1.348; - ता स्त्री., अपराधीन का भाव. 89. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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