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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनुचरित 241 अनुज परिसमज्झगणमज्झादीस आतपठपनपंसओकिरणादीहि । होति, पाचि. 113-114; अनुच्चारितकतन्ति कप्पियं कारापेतुं विप्पकारं पापेन्तो पच्छतो पच्छतो अनुबन्धन्ति, अ. नि. अट्ठ. आगतेन भिक्खुना ईसकम्पि अनक्खित्तं वा अनपनामितं वा 3.117; - अन्वचारी अद्य., प्र. पु., ए. व. - महिळामुखो कतं, पाचि. अट्ठ. 85. पोथयमन्वचारी, जा. अट्ठ 1.187; - रापेत्वा प्रेर., पू. का. अनुच्चावचसील त्रि.. [अनुच्चावचशील], वह अर्हत्, जिसका कृ. - एवं वहिस्सतीति इतो चितो च अनुचरापेत्वा वीमंसाय शील न बढ़ सके, न घट सके, अपरिवर्त्य चरित्र वाला, अनुचरितं धम्म देसेति, म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).335. स्थिर आचरण वाला, अविकम्पित आचरण वाला, स्थिर अनुचरित त्रि.. भू. क. कृ. [अनुचरित], क. परिव्याप्त, भरा शील वाला अर्हत् - अनुच्चावचसीलस्स, निपकस्स च हुआ, परिवृत्त, परिपूर्ण, आपूरित, खचित- गवजमहिंसरुरु .... बिळारससकणिकानुचरिते. जा. अट्ठ. 5.411; ख. विचारित, खीणासवस्स पन सील एकन्तवडितमेव, तस्मा सो विमर्शित, सुचिन्तित - अनुचरापेत्वा वीमंसाय अनुचरितं अनुच्चावचसीलो नाम होति, अ. नि. अट्ट. 2.146. धम्म देसेति, म. नि. अट्ठ (मू.प.) 1(1).335. अनुच्छिट्ठ/अनुच्चिट्ठ त्रि., [अनुच्छिष्ट], वह भोजन, जो अनुचरिया स्त्री., [अनुचर्या], शा. अ. सेवा, आराधना, जूठा न हो, वह आचरण, जिसका प्रयोग न किया गया हो, देख-भाल - सक्कस्स देवानमिन्दस्स अनुचरियं उपागमि, अस्पृष्ट, अपरिभुक्त, ताजा - सो अनुच्छि8 कत्वाव थोक भत्तं दी. नि. 2.194; ला. अ. न्यायिक प्रक्रिया, दण्डविधान - अपनेत्वा .... ध. प. अट्ठ. 1.252; तत्थ अग्गोदकानीति ... अनुचरियापि, भिक्खवे, दुक्खा लोकस्मिं कामभोगिनो ति, अपीतानि अनुच्छिट्ठोदकानि, जा. अट्ठ. 3.383; अनुच्छि8 अ. नि. 2(2).66. अपरिभुत्तं दातुं वट्टती ति ..., जा. अट्ठ. 3.225. अनुचारिका स्त्री., [अनुचारिका], सेविका, दासी, देख-रेख अनुअच्छरिय त्रि., अप. [अनक्षरीय], अक्षरविधान से विनिर्मुक्त, करने वाली भार्या - अनुचारिका वुच्चति भरिया, दी. नि. स्वतः-स्फूर्त - अनच्छरियाति अनुअच्छरिया, स. नि. अठ्ठ. अट्ठ. 3.7. 1.173. अनुचिण्ण त्रि., अनु + Vचर का भू. क. कृ. [अनुचीर्ण], क. अनुच्छव/अनुच्छविक त्रि., [अनुच्छविक], प्रतिरूप, छवि व्यवहृत, पूर्वकाल में प्रयोग में लाया गया, अधिगत, परिपूर्ण, के अनुरूप, उचित विषय - इदं मे आसनं वीर, पञत्तं प्रयुक्त, खचित, भरा हुआ - तेहानुचिण्णं इसीभि, मग्गं तवनुच्छवं, अप. 1.66; ध. प. अट्ठ. 1.63; - क त्रि.. ब. स., दस्सनपत्तिया, थेरीगा. 206; इसीहि अनुचिण्णं पटिपन्नं उपरिवत् - पतिरूपोनुच्छविक, अभि. प. 715; राजा समथविपस्सनामग्गं आणदस्सनस्स अधिगमाय ..., थेरीगा. बोधिसत्तस्स तिण्णं उतूनं अनुच्छविके तयो पासादे कारेसि. अट्ठ. 193; ख. कर्तृ. वा. के तात्पर्य में - आचरण कर रहा, जा. अट्ठ. 1.68; धीतु अनुच्छविकं सब्बालङ्कारं अदासि, जा. अभ्यास कर रहा - सो पमाणमनुचिण्णो, इतिवु. 62; किं अट्ठ. 1.78; - यत्र तत्र निमि. कृ. के साथ भी प्रयुक्त - नायं तत्थ दुक्खमनुचिण्णेन, मि. प. 228. मङ्गलहत्थी भवितुं अनुच्छविको, जा. अट्ट. 4.125; - वोहार अनुचिन्तेति अनु + चिन्त का वर्त, प्र. पु., ए. व. पु., कर्म. स., उपयुक्त व्यवहार, उपयुक्त वाणी का प्रयोग [अनुचिन्तयति], अनुचिन्तन करता है, विमर्श करता है, - अय्यपुत्तोति वत्तब्बे पब्बजितानं अनुच्छविकवोहारेन वदति. पुनः पुनः सोच विचार करता है - सि वर्त.. म. पु.. ए. व. उदा. अट्ट. 58. - इवानचिन्तेसि सयम्पि देव, जा. अट्ठ. 7.129; अनचिन्तेसीति अनुच्छेद/अनुपच्छेद पु., निषे. तत्पु. स. [अनुच्छेद या पुनप्पुन चिन्तेय्यासि. जा. अट्ठ. 7.130; - न्तय अनु., म. अनुपच्छेद], अविनाश, सातत्य, निरन्तरता, अविच्छिन्नता - पु., ए. व. - अयोनिसो पटिनिस्सज्ज, योनिसो अनुचिन्तय, दीपसिखाय अनुच्छेदो अनुपच्छेदो, म. नि. अट्ठ. 3.700(सि.). स. नि. 1(1).235; - न्तयु अद्य., प्र. पु.. ब. व. - अनुछमासं अ., क्रि. वि. [अनुषण्मास], प्रत्येक छह महीने ठिताचलट्ठिति थिरा, धम्मतमनुचिन्तयु, अप. 2.203. पर - दीघायुकबुद्धकाले च अनुसंवच्छरं वा अनुछमासं वा अनुच्चारित त्रि., उच्चारित का निषे. [अनुच्चारित], वह, भिक्खू उपोसथत्थाय सन्निपतन्ति, ध. प. अट्ट. 2.31. जिसे बाहर उड़ेला नहीं गया है, अविनिर्मुक्त, अबहिष्कृत, - अनुज पु.. [अनुज], छोटा भाई - कनिट्ठो कनियो नुजो, कत त्रि., वह, जिसे बाहर नहीं किया गया, वह, जो अभि. प. 254; - जा स्त्री., [अनुजा], छोटी बहिन - अतिरिक्त भाग नहीं है- अनतिरितं नाम ... अनुच्चारितकतं अजातका सचे होन्ति, भातुनो अनुजाय वा, विन. वि. 487. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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