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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अत्थरस 141 अत्थविचारणा 331; - रापेसि प्रेर., अद्य०, प्र. पु., ए. व. - सब्बथा 360; अत्थववत्थानतोति यथावुत्तस्स पञ्चविधस्स अत्थस्स मण्डयित्वा तं अत्थरापेसि तत्थ सो, म. वं. 3.20; - रस्सु ववत्थापनवसेन, पटि. म. अट्ठ. 2.230. अनु. म. पु., ए. व., आत्मने. - ... अत्थरस्सु पलासानि, जा. अत्थवस नपुं, अर्थ, तात्पर्य अथवा अभिप्राय का कारण, अट्ठ. 3.159; - रितुं निमि. कृ. - कथिनं अत्थरितुं ..... विशिष्ट कारण, विशेष अभिप्राय, तार्किक आधार - कथञ्च, महाव. 331; - रित्वा पू. का. कृ. - ... चङ्कोटके कप्पासपिचुं भिक्खवे, भिक्खु अत्थवसं पटिच्च .... चूळव. 342; दस अत्थरित्वा, जा. अट्ठ. 5.105; - रितब्बं सं. कृ. - ... कठिनं अत्थवसे पटिच्च, पारा. 22; इमे खो, भिक्खवे, तयो अत्थरितब्ब.... महाव. 331; - रीयति कर्म. वा., वर्त, प्र. अत्थवसे सम्पस्समानेन, अ. नि. 1(1).176. पु., ए. व., फैलाया जाता है, बिछाया जाता है - सक्कस्स अत्थवसवग्ग पु., परि. के एक वर्ग का नाम, परि. देवरओ आसनं अत्थरीयति, अ. नि. अट्ठ. 3.230(रो.), 411-412. अत्थरस पु., तत्पु. स. [अर्थरस], मूल आशय, अर्थ का रस, अत्थवसिक त्रि., [अर्थवशिक], सही एवं यथार्थ अभिप्राय पर अर्थ का वास्तविक अथवा मूल आशय, अर्थ की मधुरता निर्भर रहने वाला, तर्कसङ्गत दृष्टिकोण वाला, कारण के अथवा प्रायोगिक स्वरूप - भागी वा भगवा अत्थरसस्स आधार पर विचारने वाला - ... कुलपत्ता उपेन्ति अत्थवसिका, धम्मरसस्स विमुत्तिरसस्स, महानि. 104; अत्थरसस्साति अत्थवसं पटिच्च, इतिवु. 64; ... अत्थवसिका कारणवसिका हेतुफलसम्पत्तिसङ्घातस्स अत्थरसस्स, महानि. अट्ठ.212; हुत्वा, इतिवु. अट्ठ. 256. .... बुद्धवचनं उग्गण्हित्वा अत्थरसं विदित्वा वत्तब् होति. म. अत्थवसी त्रि., [अर्थवशी], किसी विशेष लक्ष्य अथवा उद्देश्य नि. अट्ठ. (मू. प.) 1(2).258; पच्चेकबुद्धा ... अत्थरसमेव के प्रति समर्पित, विशिष्ट उद्देश्य की प्राप्ति में लगा हुआ, पटिविज्झन्ति, न धम्मरस सु. नि. अट्ठ. 1.43. श्रमण-धर्म की प्राप्ति में पूरी तरह रत - एको अत्थवसी अत्थलाभ पु.. ष. तत्पु. स. [अर्थलाभ], धन-संपत्ति की खिप्पं पविसिस्सामि काननं, थेरगा. 539; अत्थवसीति इध प्राप्ति - अहासो अत्थलाभेसु जा. अट्ठ. 3.411; अत्थलाभेसूति अत्थोति समणधम्मो अधिप्पेतो, थेरगा. अट्ठ. 2.149, पाठा. महन्ते इस्सरिये उप्पन्ने ..., तदे.. अत्तवसी. अत्थवटि स्त्री., [अर्थवृद्धि], धन-सम्पत्ति की वृद्धि, कल्याण अत्थवसपकरणं नपुं., परि. के एक भाग का नाम, परि. अथवा हित की वृद्धि - अहं भोगवडिं, अत्थवडिं, धम्मवड्डि 274-75. नाम ते कथेस्सामि, जा. अट्ठ. 3.202. अत्थवाचक त्रि., [अर्थवाचक], अर्थ को कहने वाला, अर्थ अत्थवन्तु त्रि., [अर्थवत्], क. सार्थक, महत्त्वपूर्ण, उपयोगी, स्पष्ट करने वाला - अत्थवाचक-निपातो..., सद्द. 1.43, 159. हितसाधक, लाभप्रद, तर्कसंगत - यथा, महाराज, पितुवचनं अत्थवादी त्रि., [अर्थवादी], हितकारक एवं कल्याणकारक पुत्तानं अत्थवन्तं होति ... एवमेव ... तथागतरस वाचा बात कहने वाला, ऐहलौकिक एवं पारलौकिक कल्याण अत्थवती, मि. प. 168; भासेमत्थवतिं वाचं, जा. अट्ठ. 5.3693; प्राप्त करने के लिए सदा सार्थक, मङ्गलकारी एवं गम्भीर ख. बुद्धिमान, अर्थ का ज्ञाता - सो अथवा सो धम्मट्ठो, बातें बोलने वाला, (सदैव कालवादी, भूतवादी एवं धम्मवादी थेरगा. 740; 746. शब्दों के साथ-साथ प्रयुक्त)- द्विट्ठधम्मिकसम्परायिकत्थअत्थवण्णना स्त्री., तत्पु. स. [अर्थवर्णना], ऐसी व्याख्या, सन्निस्सितमेव कत्वा वदतीति अत्थवादी, दी. नि. अट्ठ. जिसमें प्रत्येक पद के अर्थ को स्पष्ट किया गया हो - 1.71; महानि. अट्ठ. 261, स्त्री. अत्थवादिनी. जातकस्स अत्थवण्णना दूरेनिदानं. .., जा. अट्ठ. 1.3; ... अत्थविकप्प पु., कर्म./तत्पु. स. [अर्थविकल्प]. वैकल्पिक पच्छा अथवण्णनं करिस्सामि, खु. पा. अट्ठ. 2; .... अर्थ, अर्थ-सम्बन्धी विकल्प - दुतिये अत्थविकप्पे, जा. अट्ठ. मङ्गलसुत्तस्स अत्थवण्णनाक्कमो अनुप्पत्तो, खु. पा. अट्ठ. 3.459; ... इमस्मि अत्थविकप्पे .... सु. नि. अट्ठ. 2.141. 72; - टि. यह पदवण्णना के पश्चात रहती है तथा अत्थविचारणा स्त्री., ष. तत्पु. स. [अर्थविचारणा], अर्थ के अधिपेतत्थवण्णना से भी इसका स्वरूप भिन्न रहता है. विषय में विचार, अर्थ-विषयक विवेचन, नौ अङ्गों वाले अत्थववत्थान नपुं.. तत्पु. स. [अर्थव्यवस्थान], पदार्थ- बुद्धशासन के अर्थ का विचार - सासनस्स परियेट्ठीति विशेष का निर्धारण, अर्थ का विनिश्चय - तस्सा सासनस्स अत्थपरियेसना, ... सासनस्स अत्थविचारणाति अत्थववत्थानतो अत्थपटिसम्भिदा अधिगता होति.... पटि.म. अत्थो, नेत्ति. अट्ठ. 143. For Private and Personal Use Only
SR No.020528
Book TitlePali Hindi Shabdakosh Part 01 Khand 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Panth and Others
PublisherNav Nalanda Mahavihar
Publication Year2007
Total Pages761
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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