SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 924
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पन पुराव कलाके धारक गुणों के समूह दिव्यास्त्र के चलायने और शत्रुओं के दिव्यास्त्र या तिन के निराकरण करवे की विद्या में प्रवीण होते भए, महापुण्य के प्रभाव से परमशोभा को धारें महालक्ष्मीवान् दूर गए हैं १४ मतिश्रुति यावर जिनके मानों उघडे, निधि के कलश ही हैं शिष्य बुद्धिवान् होय तब गुरु को पढ़ायका कळू खेद नहीं जैसे मंत्री बुद्धिवान् होय तब राजा को रोज्यकार्य का कछु खेद नहीं और जैसे नेत्रवान पुरुषों को सूर्य के प्रभावकर घटपटादिक पदार्थ सुख सो भासे तैसे गुरु के प्रभावकर बुद्धिवंत को शब्द अर्थ सुखसे भासें जैसे हंसों को मानसरोवर में धावते कछु खेद नहीं तैसे विवेकवान् विनयवान् बुद्धिवान् को गुरुभक्ति के प्रभाव से ज्ञान में आवते परिश्रम नहीं सुख से प्रतिगुणों की वृद्धि होय है और बुद्धिवान शिष्य को उपदेश देय गुरु कृतार्थ होय है और कुबुद्धि को उपदेश देना वृथा है ऐसा सूर्य का उद्योत घुघूत्रों को वृथा है यह दोनों भाई देदीप्यमान है यश जिनका अति सुन्दर महाप्रतापी सूर्य्यकी न्याई जिनकी ओर कोऊ विलोक न सके, दोनों भाई चन्द्र सूर्य्य समान दोनों में अग्नि और पवन समान प्रीति मानवह दोनों ही हिमाचल विंध्याचलसमान हैं वज वृषभनाराचसंहनन जिनके सर्व तेजस्वीयों के जीतवे को समर्थ सब राजावों का उदय और स्तजिनके अधीन होयगा महाधर्मात्माधर्म के धोरी अत्यन्तरमणीक जगत् को सुख के कारण सब जिनकी आज्ञा में, राजा ही आज्ञाकारी तो औरों की क्या बात किसी को श्राज्ञा रहित न देख सकें अपनेही पावों के नखों में अपनाही प्रतिबिम्बदेख न सकें तो और कौनसे नम्रीभूत और जिनको अपने नख और केशों का भंग न रुचे तो अपनी आज्ञाका भंग कैसे रुचे, और अपने सिरपर चूड़ामणि धरिये और सिरपर छत्र फिरे और सूर्य्य ऊपर होय प्राय जिनसे सोभी न सहार सकें तो For Private and Personal Use Only
SR No.020522
Book TitlePadmapuran Bhasha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
PublisherDigambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
Publication Year
Total Pages1087
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy