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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पद्म पुराण १. ॥ विषय सूची श्री पद्मपुराणजी नम्बर विषय पुष्ट १ पंडित दौलतराम कृक मंगलाचरण १ २ संस्कृत ग्रन्थकार का मंगलाचरण ४ प्रथम अधिकार लोक स्थिति ३ मगध दश का वर्णन ४ राजगृह नगर का वर्णन ५ राजा श्रेणिक का वर्णन ६ बर्द्धमान स्वामी के समोशरणा कर विपुलाचल पर्वत पर आगमन 9 वर्द्धमान स्वामी के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञानका वर्णन १६ १८ ८ समोशरण में इन्द्र का खागमन ९ इन्द्र का भगवानकी स्तुति करना १९ १० समोशरण की विभूति का वर्णन १९ ११ राजा श्रेणिक का समोशरण में आगमन १२ जीवादितत्व और चतुर्गति के दुःखों का वर्णन १० १२ "१३ १३ राजाश्रेणिक का रामचन्द्र जी के वृतान्त पूछने का विचार १५ २० २० २५ www.kobatirth.org १४ राजा श्रेणिक का गौतम स्वामी से रामचन्द्र का वृतान्त पूढ़ना २७ १५ गणधर देव का व्याख्यान करना २७ १६ लोकालोक का वर्णन २८ १७ कालचक्र का वर्णन २० १८ चारप्रकारदान का वर्णन ३१ १९ कुलकरों की उत्पत्ति ३२ २० नामि राजा और मरुदेवी का वर्णन ३३ २९ ऋषभ देव स्वामी के गर्भ कल्याणानका वर्णन २२ मरुदेवी के सोलह स्वप्नों का व ३३ मरुदेवी माता को सखियों कर मंगल शब्द सुनाना २४ मरुदेवीका नाभिराजा से स्वप्न फल पूछना और राजाका उत्तरदेना ३६ २५ ऋषभदेव स्वामीका जन्मकल्याण ३१ २६ ऋषभदेव का सुमेरु पर्वतपरइन्द्र से हवन कराना २१ ऋषभ देव को कुमारादिश्रवस्था For Private and Personal Use Only ३४ ३४ ३० Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir क्षत्रियादि व विभाग ४९ २८ ऋषभदेव स्वामोका तप कल्याणक ४३ २९ कच्छ महा कच्छ के नमि पुत्र विनमिका भगवान् से राजमांगना ४५ ३० ऋषभदेव का बहार लेना ४७ ३१ ऋषभदेवस्वामीकासान कल्याणक ४८ ३२ ऋषभदेवस्वामी की दिव्यध्वनि का खिरना ४९ ३३ भरत को चक्रवर्त्ति पदका प्राप्त होना और बाहुबली से युद्ध ३४ त्रिवर्ण की उत्पत्ति ३५ ऋषभदेवस्वामी और भरत जी का मोक्ष गमन ५४ ५४ दूसरा अधिकार वंशकी उत्पत्ति ३६ चार वंशों की उत्पत्ति ३० इक्ष्वाकवंश (सूर्यवंश) की उत्पत्ति) २४ ३८ सोम (चन्द्र) वंश की उत्पत्ति ५४ ३९ विद्याधरों के वंशकी उत्पत्ति ४० संजयतिमनि श्रीवर्धन राजा और सत्यघोष की कथा ४९ अजित नाथ का वर्णन ५५ ५१ ५२ ५६ ५८
SR No.020522
Book TitlePadmapuran Bhasha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDigambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
PublisherDigambar Jain Granth Pracharak Pustakalay
Publication Year
Total Pages1087
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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