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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra 300 श्री श्रीपति श्रीपणा नाम- पद्यात्मक है। www.kobatirth.org श्रीमाल श्रीवंश श्रीवर लद्ध Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री श्रीमाल श्रेष्ठि 'ओसवाल जाति नो रास' और 'ओसवाल भोपालों का रासा' में अनेक गोत्रों के नाम For Private and Personal Use Only ॥ ओसवाल ज्ञातिनी रासो ॥ " सोह वधौ संसार सीर, इल राखण इखियातः, नखित्र अभीच निमंघियौ निज उजलावण न्याति ।। जहाँ साढीबाहर न्याति सरांहा श्रीमाली वो सवाल सवे । डीडू, बघेरवाल दाखी जै, चित्रावाल पलीवाल चवे ।। खैखाल, नराणा, हरसौरा, जुगती जै ओपम जाणे । अती ओसवाल न्याति उज्जालं, बधौ बड़ि महथ वाखाणे || पीणी पोकरवाल भणो जे, वली मेडतवाला कारमहे । खंडेलवाल लहुवै जस खाटै, सगली विधि ठठवाल सहे ॥ वनात वखणै ओम बेरसल, खरी न्यांति हीरा खांणे । अती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ बड़ि महथ वाखाणे || आयचणां तातहड भूरा भाखीये, करणांटा बाफणा कहे । चीचड अराभंड कूकड़ा, चावा लहुडीडू कुभटा लहे || सेठीया भिरह मोर सुसंचीती श्री श्रीमाली सुरतांणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ वाखाणे || शंका अर लिंगा वैद कहि रूपक सलहां लोढा सूरांणा । नाहर वोथरा चोपड़ा निरमल वण दांनी पारिख घणा ।। सांड सीखा गोलेछा बहु विधि, जगपुर चेरडया जाणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, बघौ बड़ि महथ वाखाणे || गादहीया चंब चौधरी दूगड विनाइकाया वंभ भणे । दरड़ा प्रामेचा जंबड़ दाखा, भुत सखवाला सुजस सुणे ॥ भंडसाली अधिक छाजहड़ भल्ल पण इल कांकरिया अहिनाणे येती ओसवाल न्याति उज्जालं वघौ बड़ि वाखाणे || वागरैचा वोहरा मीठडिया वलि, छजलांणी डागा छाजै । डाकलिया सांड सांकला डाही, काबेडिया कथावर काजे ॥ लुणिया सीसोदिया, वांगाणी, पूरे वगड़ परियांणे । येती ओसवाल न्याति उज्जालं, वघौ वड़ि महथ वाखाणे || छरेलीया केलांणी भेलडीया छलि, ललवाणी लोकड़ लेखे ।
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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