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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 230 6. बैरिसिंह 7.सीयक हर्ष 8. वाक्पति भुंजराज सं. 1031 9. सिंधुराज (न 6 का भाई) 10. भोजराज (राजा भोज सं 1078) . 11. उदयादित्य 1116 12. नरवर्मा सं 1161 13. यशोवर्मा सं 1192-93 14. अजय वर्मा 15. विंध्यवर्मा सं 1200 16. सुमरवर्मा सं 1235 17. अर्जुन वर्मा सं 1256 आबू 1. उत्पलराज 2. अरण्यराज 3. कृष्णराज 4. अरण्यराज 5. महिपाल 6. धन्धुक 7. पूर्णपाल सं 1099-302 8. ध्रुवभट 9. रामदेव 10. यशोधवल 11. धारावर्ष 1236-1256 12. सोमसिंह 13. कृष्णराज 14. प्रतापसिंह 15. जैतकरण सं 1345 भण्डारी जी का कथन है कि उपरोक्त वंशावलियों और उनके संवतों पर विचार करने से यह भी अनुमान किया जा सकता है कि उपेन्द्र और उपल दोनों नाम शायद एक ही राजा के हो। ऊपर लिखी हुई दोनों वंशावलियों में पूर्णपाल का समय करीब संवत् 1100 के निश्चित होता है और उत्पल राज्य इसके 7 पुश्त पूर्व हुआ है। हर पुश्त का समय करीब 25 वर्ष मान लिया जाय, तो इस हिसाब से उत्पलराज का समय करीब विक्रम संवत् 950 ठहरता है। यही समय वाक्पतिराज और महाराज भोज के शिलालेखों से उपेन्द्र का आता है। यह वह समय है जब मण्डोवर में परिहार राजा बाहुक था। इस का एक संवत 940 का जोधपुर के कोट में मिला है। For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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