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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 176 इस गच्छ में कई प्रभाविक आचार्य हए जिसमें आचार्य शांतिसरि सिद्धसरि और देवप्रभसूरि आदि हुए। इन्होंने बिहार के दौरान अनेक अजैनों को जैन बनाकर नूतन जातियां बनाई।' ये गौत्र हैं 1. रणधीरा- 2. कावड़िया 3. ढढ्ढा श्रीपति- तलेरा 4. कोठारी सुराणा गच्छ (ओसवाल संवत् 1528-1574) इस गच्छ में धर्मघोषसूरि आदि आचार्य हुए जिन्होंने अनेक अजैनों को जैन बनाया। 1. सुराणा 2. सांखला 3. भणवट 4. मिढडिया 5. सोनी 6. उस्तवाल 7. खटोर 8. नाहर सुराणा गच्छ के महात्मा नागौर के गोपीचंद जी हैं। पल्लीवाल गच्छ (ओसवाल संवत् 1528-1574) ___ इस गच्छ में कई प्रभाविक आचार्य हुए जैसे, आचार्य यशोभद्रसूरि, प्रद्योभ्नसूरि, अभयदेवसूरि वगैरह। इन्होंने कई अजैनों को जैन बनाया। ये गौत्र हैं 1. घोखा 2. बोहरा 3. डूंगरवाल कंदरसागच्छ (ओसवाल संवत् 1528-1574) इस गच्छ में आचार्य पुण्यवर्धन, महेन्द्रसूरि आदि कई प्रभाविक आचार्य हुए हैं। इन्होंने अनेक जैनेत्तरों को जैन बनाया', जैसे 1. खाबड़िया, 2. गंग 3. बम्ब बंग 4. दूधोडिया 5. कटोतिया। साड़ेराव गच्छ (ओसवाल संवत् 1528-1574) __इस गच्छ में आचार्य ईश्वरसूरि, यशोभद्रसूरि, सुमतिसूरि, शांतिसूरि वगैरह महान् प्रतिभाशाली आचार्य हुए जिन्होंने बहुत से जैनेत्तरों को जैनधर्म की दीक्षा देकर महाजन संघ में शामिल किया: 1. भगवान पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास, उत्तरार्द्ध, पृ 1504 2. वही, पृ 1504 3. वही, पृ1505 4. वही, पृ 1505 5. वही, पृ 1505 For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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