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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (ix) - - समाज, देश और जाति के लिये वरदान रूप मुझे यह जानकर परम प्रसन्नता है कि आदरणीय सुश्रावक समाज सेवी श्रीमान चंचलमलजी लोढा की प्रेरणा व प्रयत्न से डॉ. महावीरमलजी लोढा द्वारा ओसवाल वंश का इतिहास प्रकाशित हो रहा है। कोई भी जाति अपनी सभ्यता, संस्कृति से ही जीवित रह सकती है। ओसवाल जाति भी अपनी संस्कृति से आज भी महत्वपूर्ण स्थान रखती है। सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक भारत के प्रत्येक क्षेत्र में इसका अमूल्य योगदान रहा है। इतिहास की दृष्टि से भी इसमें विमलशाह, उदयन, दीवान मुहणोत नैनसी, रतनसिंह भण्डारी, अजमेर के शासक धनराज, इन्द्रराज सिंधी, बीकानेर के करमचन्द, मेवाड़ के आशाशाह ने उदय सिंह को शरण दी, भामाशाह महाराणा प्रताप के दीवान रहे, जगडूशाह आदि अनेक धर्मवीरों - दानवीरों ने इस ओसवाल वंश की गौरव गाथा में चार चाँद लगाए हैं। इसी प्रकार जैनाचार्यों की परम्परा में आचार्य अमरसिंह जी, आचार्य अमोलक ऋषि जी, आचार्य हस्तीमल जी, आचार्य आनन्द ऋषि जी, आचार्य देवेन्द्र मुनि जी आदि अनेकानेक आचार्यों को देने का गौरव इस ओसवाल जाति को रहा है। ग्रन्थ के प्रथम खण्ड में इसके उद्भव एवं विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है, जो प्रत्येक पाठक की जानकारी हेतु पठनीय है। आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है आप द्वारा किया गया यह प्रयास समाज देश व जाति के लिए वरदान रूप सिद्ध होगा, आपके इस सद्प्रयास के लिए साधुवाद व मंगल भावनाएँ अर्पित हैं। आचार्य सम्राट श्री देवेन्द्र मुनि जी के शिष्य डॉ. राजेन्द्र मुनि ओरंगाबाद 17-8-99 For Private and Personal Use Only
SR No.020517
Book TitleOsvansh Udbhav Aur Vikas Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavirmal Lodha
PublisherLodha Bandhu Prakashan
Publication Year2000
Total Pages482
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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