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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निरयावलियासु सम्वरयणामए सिरिधरपडिरूवए, अट्ट हत्थी हथिप्पवरे, सव्यरयणामए सिरिघरपडिरूवर, अह जाणाई जाण-पवराई, अट्ठ जुगाइं जुगप्पवराई, एवं सिबियाओ, एवं स. न्दमाणीओ, एवं गिल्लीओ, थिल्लीओ अट्ठ वियडजाणाई 5 वियडजाणप्पवराई, अट्ठ रहे पारिजाणिए, अट्ठ रहे सं गामिए, अट्ठ आसे आसप्पवरे, अट्ट हत्थी हथिप्पवरे, अठ्ठ गामे गामप्पवरे, दसकुलसाहस्सिएणं गामेणं, अट्ठ दासे दासप्पवरे, एवं चेव दासीओ, एवं किङ्करे, एवं कञ्चुइज्जे, एवं वरिसधरे, एवं महत्तरए, अट्ठ सोवणिर 10 ओलम्बणदीवे, अट्ट रुप्पामए ओलम्बणदीवे, अट्ट सुवण्ण रुप्पामए ओलम्बणदोवे, अट्ट सोवण्णिअ उकञ्चणदोवे, अट्ठ पञ्जरदीवे, एवं चेव तिणि वि, अह सोवण्णिए थाले, रुप्पामए थाले, अट्ठ सुवण्णरुप्पमए थाले, अट्ट सोवण्णि याओ पत्तीओ ३, अट्ट सोवणियाई थासयाई ३, अट्ट 15 सोवणियाइं मल्लगाई ३, अट्ट सोवणियाओ तालियाओ ३, अट्ठ सोवणियाओ कावइआओ ३, अट्ट सोवण्णिए अवएडए ३, अट्ट सोवणियाओ अवयकाओ ३, अट्ट सोवण्णिए पायपोढए ३, अट्ठ सोवणियाओ भिसियाओ ३, अट्ट सोवणियाओ करोडियाओ ३, अट्ट सोवण्णिए पल्लंके 20 ३, अट्ट सोवणियोओ पडिसेज्जाओ ३, अह हंसासणाई कोश्चासणाई, एवं अट्ठ गरुलासणाई. उन्नयासणाई, पणयासणाई दीहालणाई, भद्दासणाई, पक्खासणाई, मगरासणाई, अट्ठ पउमासणाई, अट्ठ दिसासोवत्थियामणाई अट्ट तेल्लसमुग्गे, जहा रायप्पसेणइज्जे, जाव अह सरिसवस25 मुग्गे, अट्ट खुज्जाओ, जहा उववाइए, जाव अट्ठ पारिसी. ओ, अट्ठ छत्ते, अट्ठ छत्तधारीओ चेडीओ, अट्ठ चामराओ, अट्ट चामरधारोओ चेडीओ, अह तालियण्टे, अट्ट तालि For Private and Personal Use Only
SR No.020505
Book TitleNirayavaliyao
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA S Gopani, V J Chokshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1934
Total Pages406
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size17 MB
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