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श्री। नाडीदर्पणस्यानुक्रमणिका।
विषय पत्र | | विषयपत्र मंगलाचरण .... .... १ जल स्थल जीवोंकी गतिके अनुसार वाग्भट .... .... .... २ | नाडीकी गति परीक्षणाय .... ६ रोगोंके आठस्थान .... " सद्गुरुद्वारा नाडीको गति पठनीय.... " वैद्योंके सुखार्थ ग्रंथनिर्माण " नाडीको कालपरत्व विलक्षणता .... नाडीको मुख्यतत्व .... " वैराग्य और स्वस्थावस्था में नाडौंको नाडीज्ञानकी आवश्यकता .... ३ | विलक्षणत्व .... .... .... ७ नाडीज्ञानविना वैद्यकी अप्रतिष्ठा.... " नाडीकी अवस्था सर्वदा ज्ञातव्यत्व । नाडीज्ञानविना वैद्यको अधमत्व.... " नाडीके स्पन्दनका कारण .... सर्व रोगमें प्रथम नाडी देखना ...." नाडीके नाम .... .... .... नाडी ज्ञानके विना धन धर्म और नाडीके भेद .... .... ..... " ___ यशकी अप्राप्ति .... .... " सुषुम्ना नाडीका वर्णन .... नाडी मूत्रादि ज्ञानके पश्चात औषध
नाभिमें गोपुच्छसमान नाडीयोंका
। कथन देना .... ..... ...... .... ४
.... .... नाडी देखनेमें वीणा तन्तुका दृष्टांत
साडेतीनकरोड नाडी .... .... नाडी ज्ञानविना निदानद्वारा रोग
नाडियोंके साडेतीनकरोड मुख
तिनमें एकहजार और बहत्तर स्थूनिर्णय का वैद्यको अधमत्व ...."
| ल नाडी .... .... .... निदान और नाडीके लक्षण मिला
, सातों नाडी और उनके कर्म .... ___ कर चिकित्सा करनेकी आज्ञा "
" यह देह नाडीयों मैं मृदंगके तुल्य वैद्यके प्रति आज्ञा .... " | मढाहै .... .... ..... नाडीपरीक्षाकथन .... " चोवीस नाडियोंको मुख्यत्व .... " नाडीज्ञानकी परिपाटी ....
५ देहधारियोंके कूर्मकी स्थिति और नाडीज्ञानकी उत्कृष्टता ....
___ धमनी नाडियोंकी गणना ...." नाडीदर्पण पढनेका कारण
" स्त्रीके वामभागकी और पुरुषोंके " परक्षिाको मुख्यत्व
| दक्षिणभागकी नाडी देखना.... नाडीपरीक्षःमें अभ्यासकारण ...." छः नाडी द्रष्टकर.... .... .... " योगाभ्यासके तुल्य नाडीज्ञानकथन! ६ नाभी आदिकी नाडी देखना ..... "
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