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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( ३५ ) मोलवी-कावा तो खुदा का घर है इसलिए हम उधर मुख करते हैं। मन्त्री-क्या शेष स्थान ईश्वर से खाली हैं? तो आपका यह कथन कि परमात्मा सामान में है, उड़ जाएगा। मोलवी-काबा की तरफ हम इसलिए मुख करते हैं कि काबा खुदा का घर है-इस तरफ मुख करने से दिल प्रसन्न होता है और स्थिर रहता है। __ मन्त्री-काबा तो एक परोक्ष वस्तु है, जो कि दूर से दृष्टि गोचर नहीं होता, ईश्वर का मूर्ति को तो सन्मुख होने से और दृष्टि गोचर होने से ध्यान अधिक लगेगा, और स्थिर रहेगा। यद्यपि आप लोक जो नमाज़ पढ़ते हो याद किसी ऐसे स्थान पर नमाज़ पढ़ा जाए कि जिस स्थान पर पुरुषों का आगे से चलने का संभव हो, तो आप लोक मध्य में लोटा अथवा वस्त्र वा और कोई वस्तु रखलेते हैं ताकि नमाज़ में विन न पड़ जाए, यह जो वस्त्र अथवा लोटा आदि स्थापना वस्तु रक्सी जाती है यह भी एक प्रकार की खुदा के लिए कैद है, मानो सम्भावना की हुई वस्तु है। मौलवी साहिब ! आप एक बड़ा दृढ़ प्रमाण और सुनिए, मूअल्लिफ किताब दिलबस्तान मुज़ाहिब अपनी पुस्तक में लिखते हैं कि मुहम्मद साहिब ज़ोहरा अर्थात् शुक्कर की पूजा करते थे। मालूम होता है कि इस कारण से ही शुक्रवार को यवन पुरुष पवित्र जानकर प्रार्थना का दिन समझते हैं। और मुहम्मद साहिब का पिता मूर्ति की पूजा, किया करता था। मौलवी साहिब ! आपका कोई मततो ताजीया की पूजा करता है और कोई कुरान की पूजा और कोई कबर की For Private And Personal Use Only
SR No.020489
Book TitleMurtimandan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabdhivijay
PublisherGeneral Book Depo
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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