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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ज्योतिषचमत्कार समीक्षायाः ॥ पं० महीधर जी इत्यादि को श्राप ने नंगे पैर कहां भीख मां. गते देखा? । इसी प्रकार स्वर्गीय पं० यशोधर जी बरेली, तथा पं० गंगाधर जी गढ़वाल इन के सन्तानों को नंगे पैर भीख मांगते कब देखा? । धन्य हो ऐसी बात लिखते समय भाप की बुद्धि तथा सभ्यता ज्योतिष चमत्कार के पृष्ठों में कहीं दव तो नहीं गयी थी ? हम तो आप को भी ज्योतिर्विदों की सन्तान मानते हैं क्या आप को तो कभी वैसा मौका नहीं पड़ा था ? और भागे का वचन भी आप का पूरी २ सभ्यता प्रमट करता है। भारत वर्ष के ज्योतिर्विद् महाशयो शान्ति धारण करना योग्य है क्योंकि यावत्खलः प्रवलयिष्यति दोषजालं तावत्समर्थनविधौ सुजनोऽपि चालम्। नैसर्गिको यदु भयोर्जगतीति रीतिर्नाऽरोहतीति मम चेतसि कापि भीतिरिति ॥ ___ समाप्तोयं द्वितीयोध्यायः ॥ अब यहां से ज्योतिष चमत्कार के उन १२ प्रश्नों का उ. तर दिया जाता है। ज्यो० १४४ पृ० से १४८ पर्यन्त लिखे हैं । १-यदि कोई ज्योतिषी जन्मपत्र देख कर यह वतादे कि यइ अंगरेज की है यह मुसलमान की वा हिन्दू की ? उसे द. शहजार रूपये दूंगा। समीक्षा-आप ने सबाल ग़नत पूछा है। अगरेजों का मत १९०७ वर्ष से और १३ सौ वर्ष से मुहम्मदी धर्म प्रचलित है। ज्यातिष की उत्पत्ति के समय मनातन वैदिक धर्म था । तो उन का पता उस से कैसे लग सकता है? । अभाव का भाव नहीं होता, यह सबाल आप का वे समझो का है यदि चतुपद वा वृक्ष तथा मनध्य को जन्म पत्री के विषय में ऊपर का प्रश्न आप करते तो ठीक था। लाइये दश हजार की थैली For Private And Personal Use Only
SR No.020489
Book TitleMurtimandan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabdhivijay
PublisherGeneral Book Depo
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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