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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir द्वितीयोऽध्यायः॥ व्याही जाय प्यारे ! यह तो सर्वत्र भाग्यानसार है कि जो लोग जन्मपत्र नहीं मिलाते उन में भी सैकड़ों लोग इब चिन्ता में पड़े मिलेंगे कि हमारे लड़के को अच्छी बहू न मिली हाय; बेटा नाराज है। तो अपनी प्राचीन रीति में दोष लगाना श्राप की वेसमझी नहीं तो और क्या है ? ॥ पर पाठक ध्यान रखें कि सनातन धर्म की ठीक ठीक रीति से विवाह करने में धोखा नहीं हो सकता । ग्रह कुराष्डली के ठीक होने पर अच्छा ज्योतिषी सब बातें ठोक २ बिना कन्या के देखे ही बता सकता है। कितनी भाग्यवती होगी और कैसा रूप है कैमा स्वभाव है इत्यादि चिन्ह ( कुण्डली ) ठीक हो फिर कभी धोखा न होगा इसी कारण हम सनातन धर्मी इस रीति को मानते हैं । (ज्यो. च० प० १३ प० १५) दो लड़कियों में सौतिया हाह हुवा उनमें से एक जादूगर की खोज में गई आज कल बीसवीं सदी में जादू के बाप का क्या चलता है अफीम खाकर सो रही ॥ (समीक्षा ) ज्योतिष चमत्कार पृष्ठ १५३ में आपने लिखा है कि एक आदमी को तिजारी उवर भाता था मैं ने कहा कि मुझे मन्त्र पाता है। एक लम्बा जता लेकर इतवार के दिन तड़के उसे एक चूंट पानी पिलाया और कहाकि तेरा घर गया उसे विश्वास होगया और उवर छूट गया। पाठक आदू में ताकत नहीं सुनी जाती पर हमारे डिपटी माहब का जते का प्रभाव २० वीं सदी में भी अपूर्व देखा । वाह ! वा ! यह तो आपने जादू को मात देदी॥ __ (जोशीजी०) एक भले मानस ने अपनी लड़की बड़े प्रेम से पाली उसे अंगरेजी जते और कपड़े पहनाये और पढ़ाने को पण्डित रक्खे । जब व्याह का समय माया तब प्रथम तो लइके न मिले मिले भी तो ज्योतिषी जी ने कह दिया कि For Private And Personal Use Only
SR No.020489
Book TitleMurtimandan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabdhivijay
PublisherGeneral Book Depo
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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