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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर जनता आपको 'युगदिवाकर' पदसे आदर से पहचानती हैं, जैन संघोमें 'युगदिवाकर' पद लोकप्रिय बन चूका हैं। ९ प्रसिद्ध चित्रकार श्री गोकुलदास कापडीया और प्रसिद्ध चित्रकार श्री रमणीकलाल शाह द्वारा चित्रित और प.पू. साहित्य कलारत्न आ. भ. श्री विजय यशोदेवसूरीश्वरजी म.सा. ( उस समय मुनिप्रवर) द्वारा संपादित भगवान महावीर के प्रसिद्ध चित्र संपुटकी कार्यवाही यहीं से हुई थी। I प. पू. शतावधानी आ. भ. श्री विजयजयानन्दसूरीश्वरजी म. (उस समय मुनिराज ) की प्रवर्तक पदवी और गणि पदवी भी यहीं क्रमश: वि.सं. २०१७ एवं वि.सं. २०२५ में हुई थी । यहाँ उपासरा, व्याख्यान भवन, आयंबिल शाला, पाठशाला वगैरह की सुन्दर व्यवस्था हैं । यहाँ श्री ऋषभ जिन भक्ति मंडल, श्री वालकेश्वर स्नात्र मंडल - श्री वनिता महिला मंडल आदि अनेक संस्थाएँ है । मुंबई दिखानेवाली बसे विदेशी यात्रियों को इस मन्दिरजी का विशेष रुप से दर्शन कराती हैं। वे मन्दिरजी का अवलोकन करके बाद में फोटू लेकर खुशी से झूमते हुए अपने आप को धन्य मानते हैं । (१३) श्री महावीर स्वामी भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय चन्दनबाला, रतिलाल आर. ठक्कर मार्ग, रीजरोड, वालकेश्वर, मुंबई - ४०० ००६. टे. फोन : ऑफिस - ३६७५३९३, ३६७११८५, प्रेमलताबहन - २०११९४७, २०९६१७०- घर विशेष :- वि.सं. २०२९ की साल में श्री देवीलालजी तथा श्रीमती प्रेमलताजी के शुभ करकमलो द्वारा भूमिपूजन होने के बाद वि.सं. २०३० का मगसर सुद - ५ ता. ३०-११-७३ शुक्रवार को १०.२७ मिनट पर शिला स्थापना परम पूज्य आ. देव विजय श्री जितमृगांकसूरीश्वरजी महाराज तथा पूज्य रविचंद्रसूरीश्वरजी म. साहेब की निश्रा में हुई थी । सेठ श्री भेरुलालजी कनैयालालजी कोठारी रीलीजीयस ट्रस्ट द्वारा संचालित इस जिनालय के संस्थापक श्री देवीलालजी बी. कोठारी तथा संचालक श्रीमती प्रेमलता बी. कोठारी हैं। आ. विजय प्रेमसूरीश्वरजी म. के पट्टधर परम पूज्य आचार्य विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवत की पावन निश्रा में वि.सं. २०३३ का द्वितीय वैशाख सुद - १३ ता. १-५-१९७७ को प्रतिष्ठा हुई थी । यहाँ आरस की मूलनायक ५१” के साथ १३ प्रतिमाजी, भोयरे में ६१” प्रतिमाजी के साथ ७ प्रतिमाजी, पंचधातु के प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी अष्टमंगल का ४० का अंदाजा हैं । यहाँ श्री वर्धमान जैन पाठशाला, श्री वर्धमान तप आयंबिल शाला, श्री महावीर महिला मंडल, श्री चन्दनबाला महावीर महिला मंडल, श्री महावीर स्नात्र मंडल आदि भक्ति भावना में अग्रसर हैं । For Private and Personal Use Only बाजू में परम पूज्य आ. विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. के गुरु मन्दिर की प्रतिष्ठा आ. विजय महोदयसूरीश्वरजी म. के शिष्य श्रीमद् विजय हेमभूषणसूरीश्वरजी, पन्यासजी नरवाहन विजयजी गणिवर मुनि कीर्तियशविजयजी गणिवर की शुभ निश्रा में वि.सं. २०५१ का मगसर वद - ३ बुधवार ता. २१ -१२-९४ को हुई थी ।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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