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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३३६ मुंबई के जैन मन्दिर इस चैत्यालय में मूलनायक श्री पार्श्वनाथ प्रभु सहित पंचधातु की ५ प्रतिमाजी बिराजमान है, जिसमें एक प्रतिमाजी चऊमुखी बिंब के रूप में सुशोभित हैं। मुलुण्ड (पश्चिम) (४४) श्री महावीर स्वामी भगवान दिगम्बर जैन चैत्यालय धावरदास भवन ग्राउण्ड फ्लोर नं. २, नेताजी सुभाषरोड, मुलुण्ड (प.), मुंबई - ४०० ०८०. टेलिफोन नं.-५६० ११ ४६ - राजकुमारजी विशेष :- श्री राजकुमारजी मोतीचन्दजी गाँधी ने अपने निवासस्थान पर ७ जनवरी १९७० को भगवान की स्थापना की थी। मूलनायक पंचधातु के श्री महावीर स्वामी और बाजु में श्री पार्श्वनाथ भगवान की २ प्रतिमाजी बिराजमान हैं। (४५) श्री चन्द्रप्रभ स्वामी भगवान दिगम्बर जैन चैत्यालय कस्तूरबा रोड, गोवर्धन नगर, प्लोट नं. ४, ग्राउण्ड फ्लोर, अपना बाजार के पास, नेहरू रोड, मुलुण्ड (प.), मुंबई - ४०० ०८०. टेलिफोन नं.-५६१ ८३ ४४ - बी. एन. साबळे विशेष :- शोलापुर महाराष्ट्र से पधारे हुए श्रेष्ठिवर्य बी. एन. साबले ने ३० वर्ष पहले अपने यहाँ मूलनायक श्री चंद्रप्रभ स्वामी भगवान एवं श्री पार्श्वनाथ भगवान की पंचधातु की २ प्रतिमाजी की स्थापना की थी। (४६) श्री पार्श्वनाथ भगवान दिगम्बर जैन चैत्यालय चन्द्र विहार, प्लोट नं. ८, कस्तूरबा रोड, मुलुण्ड (प.), मुंबई - ८०. टेलिफोन नं.-५६५ ०८ ८४ डॉ. बाहुबली एन. शाह (बी. एन. शाह) (S.E.M.) ५६५ ४६ ५१ (घर) विशेष :- लगभग ७ वर्ष पहले सर्वोदय होस्पिटल में १०८ श्री विमल सागरजी म. के सान्निध्य में प्रतिष्ठा की हुई पंचधातु की प्रतिमाजी यहाँ बिराजमान हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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