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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मुंबई के जैन मन्दिर www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३२९ मीरा रोड (पूर्व) (२८) श्री शान्तिनाथ भगवान दिगम्बर जैन चैत्यालय शान्तिनगर स्कूल के सामने, सेक्टर नं. ५, मीरा रोड (पूर्व), जि. थाणा महाराष्ट्र टेलिफोन नं. - ८११ ३१ ७२, ८१११३ ४३ श्री नेमीचन्दजी झांझरी विशेष :- श्री राजकुमारजी बडजात्या एवं श्री नेमिचन्दजी झांझरी के प्रयास से वि. सं. २०४६ भावादि २, ता ४-११-९० को पर्युषण पर्व के अवसर पर अस्थाई तौर पर प्रतिमाजी लाकर स्थापित की थी, जो आज तक अस्थाई रूप में पंचधातु की एक प्रतिमाजी श्री शान्तिनाथ भगवान की बिराजमान हैं । चैत्यालय के लिये २ फ्लैट ले लिये गये हैं । विधि विधान से वेदी का निर्माण करवा कर उसमें स्थायी तौर पर मन्दिर का स्वरूप दिया जायगा । शान्तिनगर बिल्डर्स द्वारा पूजा अर्चना के लिये निःशुल्क जगह प्राप्त हुई हैं। फिलहाल यहाँ पंचधातु की श्री शान्तिनाथ भगवान की एक प्रतिमाजी व दूसरी प्रतिमाजी पद्मावती देवी पार्श्वनाथ भगवान के साथ शोभायमान हैं। भाईन्दर (पश्चिम) (२९) १००८ श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन चैत्यालय पार्श्वनगर बिल्डींग नं. ५, ग्राउण्ड फ्लोर, बावन जिनालय मंदिर के पास, भाईन्दर (प.), जि. थाणा, महाराष्ट्र टेलिफोन नं. - रमणलाल वाडीलाल शाह - ३८८१२९०, ८१८०७८८ विशेष :- सर्व प्रथम यहाँ १००८ श्री शान्तिनाथ भगवान चैत्यालय की १०८ श्री निर्मल सागरजी म. की प्रेरणा से वि. सं. २०३५ का मगसर सुदि ७ को स्थापना हुई थी। पुन : नूतन चैत्यालय ' मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान की प्रतिष्ठा लाकरोडा निवासी स्व. भगुभाई सोमचन्द कोडीया के परिवार ने की हैं हस्ते दीलिपभाई भगुभाई कोटडीया । श्री पार्श्वनाथ की पंचधातु की प्रतिमा की प्रतिष्ठा मलाड निवासी शा कान्तिलाल केशवलाल की तरफ से हुई हैं। श्री शान्तिनाथ की पंचधातु की प्रतिमा की स्थापना तनातपुर निवासी दोशी चिमनलाल कालीदास करोल निवासी स्व. बालचन्द देवचन्द के सुपुत्रो ने की हैं वि. सं. २०४० का पोष वदि ५, ता. २२-१-८४ को । For Private and Personal Use Only जैन मन्दिर रोड, इस वेदी का निर्माण बाहुबली मेटल कोर्पोरेशन मुंबई दोशी नटवरलाल सोमचन्द परिवार वालो ने किया हैं वि. सं. २०४० का कार्तिक वदि ८, ता. २९-११-८३ को । यहाँ पाषाण की १ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी तथा ८ यंत्र बिराजमान हैं ।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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