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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ३२४ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर मलाड (पूर्व) (२०) श्री ऋषभदेव भगवान दिगम्बर भव्य जिनालय दफ्तरी रोड, गोशाला लेन, कानजी स्वामी मार्ग, मलाड (पूर्व), मुंबई - ४०० ०९७. टेलिफोन :- (ओ.) ८८३९६०४, ८८३९०९६ गिरधरभाई विशेष :- श्री उपनगर दिगम्बर जैन मुमुक्ष मण्डल मलाड द्वारा संचालित इस भव्य जिनालय की प्रतिष्ठा सन् १९७०, ई. वि. सं. २०२५ का वैशाख सुदि ७ को हुई थी । जिनालय के नीचे के भाग में मूलनायक श्री ऋषभदेव भगवान तथा आजुबाजु में श्री वासुपूज्य स्वामी एवं श्री मल्लिनाथ भगवान तथा एक अन्य प्रतिमाजी के साथ कुल पाषाण की ४ प्रतिमाजी तथा पंचधातु की ८ प्रतिमाजी सुशोभित हैं। गंभारे के दोनो तरफ के आलो में एक तरफ कुंदकुदाचार्य का फोटो, दूसरे आले में समयसार ग्रंथ दर्शनीय है और एक तरफ श्री कानजी स्वामी गुरूदेव बिराजमान हैं। उपर के विभाग में २० विहरमान तीर्थंकर प्रभु की आरस की प्रतिमाजी के साथ मूलनायक श्री ऋषभदेव प्रभु की प्रतिमाजी तथा दोनो तरफ काउस्सग्ग में श्री भरतेश्वर महाराज एवं श्री बाहुबली मुनीन्द्र की प्रतिमाजी है । उपर के ही भाग में पंच मेरू नंदीश्वर जिनालय में १३२ प्रतिमाजी सुशोभित हैं । (२१) श्री आदिनाथ भगवान दिगम्बर जैन चैत्यालय भूपेन्द्र निवास कम्पाउण्ड में, ग्राउण्ड फ्लोर, जितेन्द्र रोड, मलाड (पूर्व) मुंबई - ४०० ०९७. टेलिफोन :- ८४००८ २४ जयन्तीभाई For Private and Personal Use Only विशेष : :- १००८ श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन चैत्यालय ट्रस्ट द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस चैत्यालय की स्थापना वीर संवत वि. सं. २०३१ का चैत्र सुदि ९ को हुई थी । यहाँ मूलनायक श्री आदिनाथ भगवान आजुबाजु श्री पार्श्वनाथ भगवान एवं श्री सिद्ध भगवान की पंचधातु की ३ प्रतिमाजी सुशोभित हैं । श्रीमती शान्ताबेन पोपटलाल रामचन्द्र शाह दिगम्बर जैन पाठशाला हैं।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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