SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 401
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra (४७७) www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर (४७६) श्री नाकोडा पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर प्लोट नं. ७८१ 'बी' संदीप मार्केट के सामने, ठाणा- बेलापुर रोड, शिरवणे, नवी मुंबई - ४०० ७०६. जिला - थाणा. टेलिफोन :- शान्तिलालजी - ७६७१६५०, ७६७ १२५०, गौतमभाई - ७६३१२४८, छगनभाई - ७६८५३ ७० विशेष :- श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ शिरवणे (वाशी) द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर की स्थापना पंजाब केसरी वल्लभसूरीश्वरजी म. के समुदाय के परमार क्षत्रियो द्धारक आचार्य श्री विजय इन्द्रदिन्नसूरीश्वरजी म. एवं आ. श्री विजय जगच्चन्द्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५३ का श्रावण वदि १२, शुक्रवार, ता. २९-८- ९७ को हुई थी । यहाँ मूलनायक श्री नाकोडा पार्श्वनाथ भगवान की श्यामवर्णीय ३१ ” की एक प्रतिमाजी, पंचधातु की एक प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी एक बिराजमान हैं । यहाँ उपाश्रय, धार्मिक पाठशाला, आयंबिल शाला वगैरह बनवाने की संघ की भावना हैं। ❀ ॐ ॐ श्री संभवनाथ भगवान गृह मन्दिर सेक्टर नं. २८, प्लोट नं. १०२, इंग्लीश हाईस्कूल के बाजू में, नवी मुंबई, वाशी - ४०० ७०५. टेलिफोन :- ७६६ ०९ ६४ विरेन्द्रभाई Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विशेष :- अचलगच्छाधिपति परम पूज्य आ. श्री गुणसागरसूरि समुदाय के आ. श्री कलाप्रभसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५१ का मगसर सुदि ६, गुरुवार, ता. ८-१२-९४ को चल प्रतिष्ठा हुई थी । ३११ आप के मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद से स्वर्गीय मातुश्री जेठीबाई ओभाया वेरशी कच्छ बिदडावालो स्मृति में तथा संसार पक्षे उनकी फुईबा पार्श्वचंद्र गच्छीय पूज्य साध्वीजी तत्त्वश्रीजी म. सा, पुरबाई वेरशी वजवीर बिदडा और लाधबाई नरशी खीवंशी नागलपुरवालो की पुण्य स्मृति में इस गृह मन्दिर का निर्माण हुआ हैं । (४७८) भाया वेरशी कुरिया गाम बिदडावालो के सुपुत्रो देवचन्दभाई तथा रवीन्द्रभाई ओभाया कुरिया और संयुक्त परिवार वालो ने बनवाया । मन्दिरजी के बाहर 'जेठीबाई का देरासर' नामकरण हैं । ❀ ॐ ॐ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृहमंदिर प्लोट नं. ५१०, सेक्टर नं. २२, तुर्भे, नवी मुंबई - वाशी - ४००७०५. टेलिफोन :- ७६८ ६८३२ - भुरजी, ७६१०२३९, ७६३३८६४ - सोहनजी विशेष :- श्री राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ - तुर्भे नवी मुंबई द्वारा संस्थापित एवं For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy