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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३०० मुंबई के जैन मन्दिर प्रतिष्ठा की हुई प्रतिमाजी बिराजमान हैं। यहाँ मूलनायक श्री संभवनाथ तथा आजू बाजू में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ तथा महावीर स्वामी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-३, अष्टमंगल-१, यंत्र-१ इसके अलावा यक्ष-यक्षिणी, महाकाली वगैरह चार शासन देवी-देवता की प्रतिमाजी, आचार्य आर्यरक्षितसूरिजी, एवं आचार्य गुणसागरसूरिजी म. की प्रतिमाजी बिराजमान है। यहाँ कच्छी दशा ओसवाल जैन मित्र मण्डल तथा पाठशाला की व्यवस्था हैं। अम्बरनाथ (पश्चिम) (४६०) श्री शान्तिनाथ भगवान शिखरबंदी जिनालय जुना भेंडीपाडा, उडान पूल के बाजू में, अम्बरनाथ (प.) जि. थाणा, महाराष्ट्र टे.फो. ०२५१ - ५८२८१९ - वसनजीभाई विशेष :- इस जिनालय के संस्थापक एवं संचालक श्री कच्छी वीसा ओसवाल जैन संघ अम्बरनाथ (प.) हैं। परम पूज्य अंचलगच्छाधिपति आचार्य भगवन्त श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि.सं. २०४३ का कार्तिक वदि १०, बुधवार, ता. २६-११-८७ को भव्य प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ मूलनायक श्री शांतिनाथ प्रभु तथा आजू बाजू में श्री आदिनाथ प्रभु एवं श्री शीतलनाथ प्रभु की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की चऊमुखी ४, दूसरी-३, सिद्धचक्रजी२, अष्टमंगल-३, वीसस्थानक-१ तथा यक्ष-यक्षिणी- बिराजमान हैं। श्री आर्यरक्षित सूरिजी, श्री कल्याणसागरसूरिजी की प्रतिमाजी के अलावा श्री पावापुरी तीर्थ, शत्रुजय तीर्थ, गिरनार तीर्थ, श्री शंखेश्वर तीर्थ, श्री सम्मेतशिखरजी, श्री आबूजी आदि तीर्थो की एवं त्रिशलादेवी माता के १४ स्वप्न की तस्वीर की कांच की कारिगरी से दिवारे सुशोभित हैं। शाह दामजी कुंवरजी और भवानजी कानजी गाला गाम डोणवाला वासुपूज्य धाम । दूसरी मंजिल पर श्री क.वी. ओसवाल जैन संघ संचालित श्री शान्तिनाथ आराधना हॉल, साधना भवन, स्वाध्याय मन्दिर तथा अध्याय खण्ड - उपाश्रय के अलावा श्री गुणसागरसूरि ज्ञान वाटिका पाठशाला, आदि जिन गुण महिला मण्डल, जैन युथ सर्कल की व्यवस्था हैं। पहले माले पर गंभारे के पीछे के भाग में मातुश्री लक्ष्मीबाई तथा श्री लालजी जीवराज गोचर गाम कच्छ नरेडी वालोने सिद्धायतन का लाभ लिया हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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