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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मुंबई के जैन मन्दिर (४३९) www.kobatirth.org डोंबीवली (पश्चिम) श्री नमिनाथ भगवान गृह मन्दिर 'ए' विंग, सुनिल निवास, पहला माला, गुप्ते रोड, डोंबीवली (प.), जि. - थाणा (महाराष्ट्र ) टेलिफोन - ९११ - ४८११७७ मूकेशभाई, ९११ - ४८५ १५६ - दिलीपभाई - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (४४० ) विशेष :- श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा सिद्धान्त महोदधि परम पूज्य आ. श्री प्रेमसूरीश्वरजी म. पट्टधर आ. श्री विजय रामचन्द्रसूरीश्वर म. समुदाय के परम पूज्य मुनिराज श्री अक्षयविजयजी म. की पावन निश्रा में वि. संवत २०४३ का जेठ सुदि ९ को हुई थी । २८७ यहाँ मूलनायक श्री नमिनाथजी तथा श्री पार्श्वनाथजी तथा श्री पार्श्वनाथजी, श्री महावीर स्वामी, श्री शान्तिनाथजी, श्री धर्मनाथजी सहित पाषाण की ५ प्रतिमाजी, पंचधातु की ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३, २४ तीर्थंकर प्रभु का पाटला १, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं । - यहाँ उपाश्रय एवं आयंबिल खाता नियमित चालु हैं । श्री घोघारी जैन पाठशाला, श्री प्रभुभक्ति महिला मंडल, श्री नमिनाथ महिला मंडल, श्री नमिनाथ जैन युवक मंडल की व्यवस्था हैं । ॐ ॐ श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर श्री अंचलगच्छ भवन, वडारवाडी, कोपर रोड, क्रॉस लेन, डोंबीवली (प.), जि. थाणा (महाराष्ट्र). टेलिफोन नं. - ९११-४७३ ७६८ हेड ओफिस, प्रेमजीभाई ९११-४४७९०२ विशेष :- सर्व प्रथम यहाँ के श्याम वर्णीय पाषाण के श्री मुनिसुव्रत स्वामीजी शिवगंगा को. सोसायटी में श्री जैन मित्र मंडल द्वारा संस्थापित एवं संचालित गृह मंदिर में बिराजमान थे। जहां उनकी चल प्रतिष्ठा तारीख १९-११-९५ को मुनिराज श्री सर्वोदय सागर म. की पावन निश्रा में हुई थी । वहाँ का गृहमन्दिर मंगलिक होने के बाद श्री मुनिसुव्रत स्वामी मूलनायक श्री अंचलगच्छ भवन में बिराजमान किये गये, जिनकी चल प्रतिष्ठा परम पूज्य आ. श्री कलाप्रभ सागर सूरीश्वरजी आदि मुनि भंगवतो की पावन निश्रा में वि. सं. २०५३ का श्रावण वदि १०, ता. २७-९-९७, बुधवार को हुई थी । यहाँ पाषाण की श्यामवर्णीय १ प्रतिमाजी, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल १ बिराजमान हैं । यहाँ श्री गौतम सागरसूरि जैन पाठशाला चालु हैं। इसके संस्थापक एवं संचालक श्री अंचलगच्छ जैन संघ डोंबीवली हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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