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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर २६७ (४०४) श्री धर्मनाथ भगवान गृह मन्दिर __ शिवाजी नगर, मुलुण्ड चेक नाका, थाणा-४ (महाराष्ट्र). टे. फोन : कीर्तिलाल - ५७८ ६५ २०, खान्तिलाल भाई - ५६८ ३६ १८ विशेष :- श्री चेकनाका (मुलुण्ड) श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर का निर्माण परम पूज्य आ. श्री विजय लक्ष्मण सूरीश्वरजी म. के शिष्य आ. श्री विजय कीर्तिचंद्रसूरीश्वरजी म., परम पूज्य आचार्य श्री विजय भुवनभानुसूरीश्वरजी म. के प्रशिष्य आ. श्री विजय हेमचन्द्र सूरीश्वरजी म. के सदुपदेश से थाणा निवासी रतिलाल मगनलाल शाह तथा उनकी धर्मपत्नी निरान्तबेन रतिलाल द्वारा किया गया हैं। ___परम पूज्य आ. श्री विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म. तथा परम पूज्य आ. श्री यशोवर्मसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०४७ का जेठ सुदि १३, सोमवार, ता. २४-६-९१ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ श्री धर्मनाथ भगवान, श्री नमिनाथ भगवान, श्री शीतलनाथ भगवान, श्री वासुपूज्य स्वामी, एवं श्री नेमिनाथ प्रभु की पाषाण की ५ प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - १, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। इसके अलावा किन्नर यक्ष, प्रज्ञप्ति यक्षिणी एवं श्री मणिभद्रवीर बिराजमान हैं। ३१४ सत्य संगम बिल्डिंग, शिवाजी नगर, थाणा-४ में उपाश्रय तथा श्री धर्म नवयुवक मण्डल, श्री धर्म महिला मण्डल की व्यवस्था हैं। (४०५) श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर श्री अंचलगच्छ जैन संघ बिल्डिंग, वागले ईस्टेट, कीशन नगर-१, मुलुण्ड चेक नाका, थाणा-४, महाराष्ट्र टे. फोन : रतिलाल खीमजी ब्रदर्स - ५३२ ४०५२ विशेष :- श्री अंचलगच्छ जैन संघ मुलुन्ड चेक नाका द्वारा संस्थापित एवं संचालित उपाश्रय तथा जिन गृहमन्दिर का निर्माण परम पूज्य आ. श्री गुणसागरसूरीश्वरजी म. साहेब की शुभ प्रेरणा से किया गया है। उनके शिष्य परम पूज्य मुनिराज श्री कलाप्रभसागरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०३३ का जेठ सुदि १० को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ मूलनायक श्री आदीश्वर प्रभु तथा आजू बाजू में श्री पार्श्वनाथ, श्री महावीर स्वामी, श्री धर्मनाथ, श्री जीरावला पार्श्वनाथ, श्री मुनिसुव्रत स्वामी की पाषाण की ६ प्रतिमाजी, पंचधातु की १० प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-७, विसस्थानक - २, अष्टमंगल-१ इसके अलावा गोमुख यक्ष, चक्रेश्वरी देवी, For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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