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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर २२७ (३४८) श्री मुनिसुव्रतस्वामी भगवान गृह मन्दिर राजगृही नगरी, पारस निकेतन, ओ बिल्डींग, ग्राउन्ड फ्लोर, रोड नं. ४, छेडा नगर, चेम्बुर, मुंबई - ४०० ०८९. टेलिफोन नं.-५२८ ४० १०,, ५२८ ८८ १२ चुनीलालभाई, ५२८ २८ ९६ लक्ष्मीचंदभाई विशेष :- परम पूज्य युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की आद्य प्रेरणा और आशीर्वाद से चेम्बुर छेडा नगर श्री जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिर की भव्य प्रतिष्ठा वि. सं. २०५१ का मगसर सुदि ६, गुरूवार, तारीख ८-१२-१९९४ को परम पूज्य आ. श्री विजय भुवनभानु सूरीश्वरजी म. के समुदाय के आचार्य श्री विजय हेमचंद्रसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में हुई थी। मूलनायक बिंब भराने का लाभ निर्मला बेन त्रंबकलाल संघवी परिवार अंजार हाल घाटकोपरवालो ने लिया था। यहाँ श्री मुनिसुव्रत स्वामी २७", श्री आदीश्वर भगवान २१", श्री महावीर स्वामी २१" की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ३ प्रतिमाजी, विसस्थानक - १, सिद्ध चक्रजी - १, अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं । यहाँ उपाश्रय, छेडा नगर जैन पाठशाला, छेडा नगर युवक मंडल, श्री मुनिसुव्रत - गुण - सब्धि महिला मंडल की व्यवस्था हैं। गोवंडी (पश्चिम) (३४९) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय गोवंडी- पोस्ट ओफिस के सामने, कुंवरजी देवशी रोड, । गोवंडी (पश्चिम), मुंबई - ४०० ०८८. टेलिफोन नं.-५५१ ०७५६, ५५८००६७ - रूपचन्दजी विशेष :- चेम्बुर तीर्थ से पूर्व दिशा में करीब २ किल्लो मीटर आगे बढ़ेंगे तो गोवंडी (प.) में आप देव विमान जैसा रमणीय, उन्नत और मनोहर श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथजी का शिखरबद्ध जिनालय का दर्शन करके परम शान्ति और प्रसन्नता का अनुभव करेंगे। इस धर्मस्थान के प्रेरक पूज्यपाद युगदिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म. सा. की प्रेरणा व मार्गदर्शन से गोवंडी श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक तपगच्छ संघ ने इस विशाल भूमिखण्डका वि. सं. २०२६ में सम्पादन किया और उसी स्थान पर वि. सं. २०३१ में एक गृह जिनालय का निर्माण करके उसमें श्री पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमाजी की स्थापना करके प्रारंभ किया था। वि. सं. २०३३ में मगसर वदि ७ के शुभदिन चेम्बुर तीर्थ में पूज्यपाद शासन रक्षक आचार्य For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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