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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १८४ मुंबई के जैन मन्दिर अमीझरणा के सुनहरे प्रसंग बनने से महावीर धाम अति चमत्कारिक तीर्थ की तुलना का पात्र बना हैं । नौवा अमीझरणा तारीख ४-१-९८ रविवार को दोपहर साढे बारह बजे लगातार ३ घंटे तक होता रहा । योगानुयोग परम पूज्य आ. विजय चंद्रोदय सूरीश्वरजी म. तथा परम पूज्य आ. विजय अशोकचन्द्र सूरीश्वरजी म. की निश्रा में मुलुंड से निकले हुए छ'री पालक संघ का डेरा महावीर धाम में ही था और यह घटना घटी थी। महावीर धाम जिनालय के समस्त जिनबिंबो, गर्भगृहो की दिवारो, छत और बारशाखमें से होते हुए अमीझरणों का एक सो साधु-साध्वीजी सहित पाँच हजार से अधिक भाविकोने भाव विभोर होकर दर्शन पान किया था। महावीर धाम में कॉटेज धर्मशाला, पूज्य साधु-साध्वी वृंद के लिये विशाल उपाश्रयो, ऑफिस वगैरह जोर शोर से निर्माण के अधीन हैं। साधर्मिक भक्ति भवन, भोजनशाला, वृद्धाश्रम और सेनेटरीयम के लिये भी जमीन खरीद कर ली गई हैं। एक साथ दो हजार से ज्यादा यात्रिको की सुन्दर और सुलभ व्यवस्था हो सकती हैं। ऐसा होने से यात्रा प्रवास के साथ ही समारंभो, मेलावडाओं और वार्षिक दिन चैत्य परिपाटी के लिये मुंबई की प्रत्येक जैन संस्थाएँ महावीर धाम की पसंदगी करते हैं। चैत्री पुनम और कार्तिक पुनम के दिन श्री शत्रुजय पट के दर्शन-पूजा के लिये हजारो भाविको पधारते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को भाता की व्यवस्था हैं। प्र...ता...प...धा...म... (२९४) नेशनल हाईवे रोड नं. ८, शान्तिवली जिला - थाणा, (महाराष्ट्र) टे. फोन : हेड ओफिस - ५२८ ६८०२, ५२८०२ ०१ विशेष :- परम पूज्यपाद सिद्धान्त रक्षक आचार्य भगवंत श्री विजय प्रतापसूरीश्वरजी म. सा. की स्मृति हेतु यह प्रतापसूरि स्मृतिधाम का आयोजन नेशनल हाइवे रोड नं. ८ के उपर महावीर धाम से २० कि. मी. दूर सातीवली गाम में परम पूज्य आ. श्री विजय पूर्णानन्दसूरीश्वरजी म. की प्रेरणा से हो रहा हैं। इसका निर्माण चेम्बुर तीर्थ की पेढी तरफ से हो रहा हैं। संचालन भी इनके द्वारा होगा। _ वि. सं. २०५५ का मगसर वदि ४ सोमवार तारीख ७-१२-९८ के दिन परम पूज्य मोहन - प्रताप-धर्मसूरीश्वरजी म. के समुदाय के आचार्य श्री पूर्णानन्द सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में भूमिपूजन एवं खनन विधान चेम्बुर निवासी श्री मनसुखलाल लक्ष्मीचन्द शाह और उनके परिवार की तरफ से हुआ हैं । शिलारोपण भी इसी परिवार द्वारा वि. सं. २०५५ का मगसर वदि १० रविवार ता. १३-१२-९८ के दिन हुआ था। यहाँ नीचे के भाग में उपाश्रय और उपर के भाग में एक कमरे में गृह जिनालय बनाने का आयोजन हैं। हाईवे पर विहार करने वाले पूज्य साधु - साध्वीजी म. को महावीर धाम से महालक्ष्मी पेट्रोल पम्प के बीच यह स्थान विराम स्थान बनेगा। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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