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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर में गृहमन्दिर में मेहमान के रुप में बिराजमान मूलनायक श्री मुनिसव्रत स्वामी सहित पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की ४ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-७, विशस्थानक - १ एवं अष्टमंगल-४ सुशोभित हैं। १७९ परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री कलाप्रभ सागर सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में विलेपार्ले में अंजन शलाका की हुई प्रतिमाजी लाकर ता. २३-५-९४ को स्थापना की गई है। यहाॅ दामजी शामजी शाह (गढशीशा) अतिथि गृह, श्री शिवजी गोसर गाला (फरादीवाला) अतिथि भवन, हसमुख कल्याणजी भगत ( खाडीया गणेशवाला) व्याख्यान हॉल, मातुश्री लाखाणीबाई रामजी गाला (रायणवाला) नवनीत विविध लक्षी हॉल, देवकाबाई रतनशी (नवावासवाला) स्वाध्याय लक्ष्मी हॉल, मातुश्री पुरबाई चांदशी गाला (फरादीवाला) ओफिस रुम, श्रीमती चंचलबेन जगशी छेड (लायजावाला) भोजनशाला की व्यवस्था हैं । इन सभी आयोजनो में प्रेरणा दाता आ. स्वर्गस्थ गुणसागर सूरीश्वरजी म. साहेबजी तथा वर्तमान गच्छाधिपति तपस्वी आ. श्री गुणोदयसागर सूरीश्वरजी म. एवं आचार्य श्री कलाप्रभ सागर सूरीश्वरजी म. का आर्शीवाद प्राप्त हुआ था । ❀ विरार (पूर्व) ( २९० ) श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर इन्द्रपस्थ बिल्डिंग, तीसरा माला, गावडे वाडी, रेल्वे स्टेशन के नजदीक, विरार (पूर्व), जि. थाणा, (महाराष्ट्र) टेलीफोन - ९१२ - २९१६ सेसमलजी भगाजी पादरली. विशेष :- श्री वर्धमान दर्शन आराधक सेवा समिति द्वारा निर्मित इस जिनालय की चल प्रतिष्ठा आचार्य भगवंत श्री सागरानंद सूरीश्वरजी म. के समुदाय के आचार्य दर्शन- नित्योदय-चन्द्रानन सागर आदि मुनि भगवंतो की पावन निश्रा में वि.सं. २०४७ का वैशाख वदि -५ रविवार ता. २-६९१ को वीर सं. २५१७ में हुई थी । श्री अरिहन्त टॉवर जैन संघ भायखला ( पूर्व ) द्वारा श्री शान्तिनाथ जैन देरासर विरार (पूर्व) के वर्धमान दर्शन आराधक सेवा समिति को उदारता पूर्वक सहयोग मिला हैं । यहाँ के जिनालय में मूलनायक श्री शान्तिनाथ तथा आजू बाजू में श्री पार्श्वनाथ भगवान, श्री आदिनाथ भगवान की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी-१, अष्टमंगल१ के अलावा यक्ष-य - यक्षिणी, नाकोड़ा भैरुजी, पद्मावती ये चार प्रतिमाजी पाषाण की बिराजमान हैं। For Private and Personal Use Only मन्दिर के बाजू में ही अ.सौ. कुसुमबेन रसिकलाल दोशी महेश हॉल में श्री घोघारी वीशा जैन समाज द्वारा पाठशाला चालु हैं । इसके अलावा श्री शान्ति जिन महिला मण्डल, श्री भैरव भक्ति मण्डल की व्यवस्था हैं ।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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