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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर विशेष :- श्री थराद त्रिस्तुतिक जैन संघ द्वारा यहाँ के ज्ञानमंदिर की स्थापना हुई थी। यहाँ श्री राजेन्द्रसूरि जैन बैण्ड मंडल तथा राज धन व हर्ष जैन पाठशाला की व्यवस्था हैं। (२६०) श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर इन्दिरा कॉम्प्लेक्ष, रत्नदीप बिल्डींग कम्पाउन्ड में, ६० फिट रोड, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर रोड, भायन्दर (प.), जि. थाणा (महाराष्ट्र) - ४०१ १०१. टे. फोन : दिलीपभाई - ८१९ १० ४१, ८१९ २६ १० निहालचंदजी - ८१८०६ ०६ विशेष :- शिवगंज (राजस्थान) निवासी शा. लालचन्दजी नेनमलजी पोरवाल (लोब गोत्र चव्हाण) के द्वितीय सुपुत्र श्री दिलीपकुमार की धर्मपत्नी इन्दिराबेन की प्रेरणा से इस गृह मन्दिर का निर्माण हुआ हैं। वि. संवत २०५० का वैशाख वदि ३ शुक्रवार तारीख २९-५-९४ को पाँच दिवसीय महोत्सव करके परम पूज्य प्रेम-भानु समुदाय के आचार्य श्री विजय जयघोषसूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में महा मंगलकारी प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ मूलनायक श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु तथा आजू बाजू में श्री आदिनाथ भगवान एवं श्री महावीर स्वामी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंच धातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - २ तथा अष्टमंगल - १ के अलावा श्री मणिभद्रवीर, श्री नाकोडा भैरुजी, पार्श्वयक्ष-यक्षिणी तथा बाल्दातीर्थ के बाबाजी माताजी की तस्वीर भी शोभायमान हैं। प्रतिष्ठा :- दिलीपकुमार गौरवकुमार बेटा पोता शा. लालचन्दजी नेनमलजीने किया हैं। इस मन्दिरजी के संचालकजी श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ देरासर ट्रस्ट हैं। यहाँ इन्दिरा कॉम्प्लेक्ष सामायिक महिला मंडल की व्यवस्था हैं। श्री दिलीपभाई पोरवाल इस जिनालय के निर्माता हैं, जो इस पुस्तक - मुंबई के जैन मन्दिर (आवृत्ति दूसरी) के लेखक श्री भंवरलाल एम. जैन शिवगंजवाले के छोटे चचेरे भाई हैं। (२६१) श्री आदीश्वर भगवान गृह मन्दिर सालासर टॉवर, ब्लोक नं.-६०७ - ६०८ छठ्ठा माला, फाटक रोड, भायन्दर (प.), जि. थाणा - महाराष्ट्र - ४०१ १०१. टे. फोन : ८१९ २१ ६२, ८१९८६६६ विशेष :- इस गृह मन्दिरजी के संस्थापक एवं संचालक श्रीमती शारदाबेन नवनीतलाल कुवाडिया एवं उनके सुपुत्र ज्योतिषभाई श्री दीपकभाई, श्री दिलिपभाई एवं श्री डॉलरभाई आदि परिवार हैं। परम पूज्य आचार्य भगवन्त सिद्धान्त महोदधि विजय प्रेमसूरीश्वरजी म. के समुदाय के परम For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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