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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर पूज्य पाद युग दिवाकर आचार्य भगवंत श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. के समुदाय के परम पूज्य आ. विजय श्री पूर्णानन्द सूरीश्वरजी म. की शुभ निश्रा में यहाँ मूलनायक प्रभु का प्रवेश ता. ७-७-९५ को एवं समस्त प्रतिमाजी का प्रवेश २०५१ का वैशाख सुदी - ६ को हुआ था । (२२५) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यहाँ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ, श्री आदिनाथ, श्री महावीर स्वामी की पाषाण की ३ प्रतिमाजी, पंचधातु की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी २ तथा अष्टमंगल - १ सुशोभित है । यहाँ श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ महिला मंडल हैं । ❀ श्री सुपार्श्वनाथ भगवान गृह मन्दिर C. I. B. N. - 001 योगीनगर को. ओ. सोसायटी, ग्राउण्ड फ्लोर, बोरीवली (प.), मुंबई - ४०० ०९४ टे. फोन : हेड ऑफिस - ८०५ ३३५७ १३९ विशेष :- परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री विजय मोहन प्रताप - धर्म - यशोदेव सूरीश्वरके पट्टधर शतावधानी आ. श्री विजय जयानन्द सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रामें सांवरकुंडला निवासी प्रेमकुंवरबेन कालीदास एवं परिवार की ओर से स्व. सेठ श्री कालीदास गुलाबचन्द आराधना भवन श्री संभवनाथ जैन पेढी, जांबली गली, बोरीवली (प.) संचालित श्री योगीनगर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ को अर्पण किया एवं संघ की स्थापना दिन वि.सं. २०४१ का मगसर सुद-१० रविवार तारीख २ - ११-८४ थी । " पू. आ. श्री विजय जयानन्दसूरीश्वरजी म. पू. आ. श्री महानन्दसूरीश्वरजी म. एवं पू. आ. श्री सूर्योदय सूरीश्वरजी म. की पुण्य निश्रामें यहाँ के गृह मन्दिर की चल प्रतिष्ठा वि.सं. २०४१ फागुण सुदी - ४ को हुई थी । आजकाल यह जिनालय का जीर्णोद्धार हो रहा है और मारबल सजावट के साथ पाषाण प्रतिमाओकी प्रतिष्ठा होनेवाली है। यहाँ पंच धातु की ६ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी- ४ एवं अष्टमंगल - १ बिराजमान हैं । (२२६) श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान गृह मन्दिर शान्ति आश्रम, अक्सर रोड, ग्राउन्ड फ्लोर, बोरीवली (प.), मुंबई - ९२. टे. ओ. संजयभाई- ८९४ १०२९, अश्विनभाई - ८९५५४९५, किशोरभाई- ८९३ ४३ २८ For Private and Personal Use Only विशेष :- श्रीमती देवुबेन कालुचन्दजी रांका जैन चेरीटेबल ट्रस्ट श्री देवकीनगर जैन संघ द्वारा संस्थापित एवं संचालित इस गृह मन्दिरजी की चल प्रतिष्ठा श्रीमद् आ. बुद्धिसागर सूरीश्वरजी म. समुदाय के आचार्य कैलाश सागर सूरीश्वरजी म. के आचार्य विजय पद्मसागर सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में वि.सं. २०४७ का जेठ सुद - १३ को हुई थी ।
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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