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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर स्नात्र मंडल, श्री आदीश्वर महिला मंडल, श्री राजस्थान महिला मंडल, श्री आत्मवल्लभ पोरवाल महिला मंडल, श्री आदि जिन संगीत मण्डल, श्री राजस्थान जैन सेवा संघ एवं जैन भोजनशाला की व्यवस्था है। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (४९) श्री शान्तिनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय ३८७, इब्राहिम रहिम तुल्ला रोड, भींडी बजार, विजय वल्लभ चौक - पायधुनी, मुंबई - ४०० ००३. टे. फोन : ऑ. ३४३ ४७७८, पुंडरिकभाई - ३६७१२३९ विशेष : इस मन्दिरजी की प्रतिष्ठा वि. संवत् १८६६ का माह सुद १३ को हुई थी । इस मन्दिर की प्रतिष्ठा भी सेठ मोतीशाह के हाथो से सम्पन्न हुई थी एवं उसका निर्माण भी उनके हाथो से हुआ था । पुराने मन्दिर में पहली एवं दूसरी मंजील पर पाषाण के ४४ प्रतिमाजी, पंचधातु के ४, सिद्धचक्रजी - ३ शोभायमान है । मन्दिरजी की ऑफिस हॉल के बाजु के भाग में श्री मणिभद्र वीर बिराजमान हैं। नियमित भाविको द्वारा प्रतिदिन स्नात्र पूजा खूब भावपूर्वक पढाई जाती हैं । इस मन्दिर में भी बिजली का उपयोग न करके घी के ही दीपक जलाये जा रहे हैं। २९ मन्दिरजी के पीछे ३ मंजील का भव्य उपासरा हैं । जहाँ व्याख्यान भवन एवं साधु-साध्वीजी म. के ठहरने की व्यवस्था है। I नूतन जीर्णोद्धार का शिलान्यास श्री शान्तिनाथ भगवान के नूतन जिनालय का शिलान्यास सूरिमंत्र पंच प्रस्थान आराधक पूज्यपाद आचार्यदेव श्री विजय जय शेखर सूरीश्वरजी म. एवं प्रवचनकार पूज्यपाद आ. विजय रत्नसुंदर सूरीश्वरजी म. की पावन निश्रा में वि.सं. २०५३ का माह सुद ११ को हुआ था । (५०) जैन भोजनशाला श्री शान्तिनाथजी जिनालय के बाजु में राधनपुर जैन भोजन गृह की व्यवस्था हैं । शान्तिनाथ जैन चाल, २०८, विजय वल्लभ चौक, पायधुनी, मुंबई - ४०० ००३. श्री मिनाथ भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय ३७९, ईब्राहीम रहिमतुल्ला रोड, भींडी बाजार, विजय वल्लभ चौक - पायधुनी, मुंबई - ४००००३. टे. फोन ऑ. ३४३२७५५, सुबोधभाई- ऑ. २०८ ३६६१ विशेष :- पायधुनी के लोकप्रिय पाँच मन्दिरो में यह पाँचवा मन्दिर है, जिसकी प्रतिष्ठा वि.सं. For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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