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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मुंबई के जैन मन्दिर उसी वर्ष वि.सं. २०३८ में गोडीजी में चातुर्मास आपका होने की जय माघमासमें मालाड - देवचन्दनगर में उपधानतप मालारोपण प्रसंग पर बोलाई गई थी, किन्तु आपश्रीके कालधर्म के बाद आपके आदेशानुसार प.पू. आ. श्री कनकरत्नसूरीश्वरजी म. तथा प. पू. आ. श्री सूर्योदयसूरीश्वरजी म. आदि मुनि मण्डलो का चातुर्मास हुआ था । आपश्री की पुण्यस्मृति में उन गुरुदेवो की प्रेरणा से प्रतिवर्ष फागुण सुदी १३ को गोडीजी जिनालय में शान्तिस्नात्र महोत्सव मनाया जाता है। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नूतन शिखर बंदी जिनालय का भव्य निर्माण होने के बाद मूलनायक श्री गोडीजी पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमाजी को पूर्व प्रतिष्ठित यथा स्थित रखकर शेष प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा विगत इस प्रकार है (१) श्री केसरीया आदिनाथ भगवान (२) श्री मुनिसुव्रत स्वामी ( ३ ) श्री नेमनाथ भगवान, (४) श्री शामला पार्श्वनाथ भगवान, (५) श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान, (६) कायोत्सर्ग ध्यानस्थ श्री आदिनाथ भगवान १०८ " की भव्य और अजोड प्रतिमा, जिनकी अंजनशलाका विधि प.पू.आ.भ. श्री विजय प्रतापसूरीश्वरजी म.सा. और प. पू. युगदिवाकर आचार्य भगवन्त श्री विजय धर्मसूरीश्वरजी म.सा. के कर कमलो से वि.सं. २०३१ में घाटकोपर सर्वोदय पार्श्वनाथ जिनालयमें हुई थी, आदि ८५ जिनबिम्बो की, प्रथम गणधर गौतम स्वामी आदि गुरु मूर्ति की, शासन यक्ष श्री मणिभद्रजी की, तथा महाप्रभाविक शासनदेवी पद्मावती देवी, श्री चक्रेश्वरी देवी आदि देव-देवीयो की प्रतिष्ठा वि.सं. २०४५ का वैशाख सुद १० सोमवार ता. १५-५-८९ को मंगल शुभ दिन परम पूज्य योगनिष्ठ आचार्य भगवन्त श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरजी म. के पट्टधर आ. भगवन्त कीर्तिसागरसूरीश्वरजी म. के पट्टधर परम पूज्य आचार्यदेव सुबोधसागरसूरीश्वरजी म., आ. भगवन्त विजय मनोहर कीर्ति सूरीश्वरजी म. आदि मुनि भगवन्तो की पावन निश्रा में हुई थी। (४७) २७ यहाँ की मुख्य संस्थाओं में श्री जैन श्वेताम्बर कोन्फरेन्स, श्री जैन श्वेताम्बर एज्यूकेशन बोर्ड, श्री आत्मानन्द जैन सभा, श्री मुंबई जैन स्वयंसेवक मण्डल, श्री जैन संयुक्त मंडल, श्री महावीर जैन संयुक्त मंडल, श्री गोडीजी महिला मंडल, श्री गोडीजी जैन मित्र मण्डल, श्री वर्धमान भक्ति सेवा संघ, श्री गोडीजी स्नात्र मंडल, श्री गोडीजी जैन पाठशाला, श्री हीरसूरीश्वरजी जैन संस्कृत पाठशाला, श्री अनेकान्त विजयजी जैन पाठशाला आदि अनेक संस्थाएं भक्ति सेवा में कार्यरत हैं। यहाँ भव्य उपासरा, ज्ञान भण्डार, विशाल लायब्रेरी की सुन्दर व्यवस्था है । गोडीजी पार्श्वनाथ की मूलनायक प्रतिमाजी अनेक चमत्कारी घटनाओं से परीपूर्ण हैं । जिज्ञासु भाई अन्य तिर्थ परिचय पुस्तको से जानकारी ले सकते हैं । ॐ श्री महावीर स्वामी भगवान भव्य शिखरबंदी जिनालय विजय वल्लभ चौक - पायधुनी, मुंबई- -४००००३. टे. फोन : ऑ. ३४६ ३६ ४८, जीवनभाई - ३४३६३७६ For Private and Personal Use Only विशेष :- इस मन्दिर के संस्थापक एवं संचालक श्री खरतरगच्छ जैन संघ हैं। इसकी प्रतिष्ठा वि.सं. १९७८ श्रावण सुद १० को हुई थी । यहाँ पाषाण की ४४ प्रतिमाजी, पंच धातु की २० प्रतिमाजी,
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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