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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुंबई के जैन मन्दिर - (१९) श्री शान्तिनाथ भगवान गृह मन्दिर कमला निकेतन, तीसरा माला, नारायण दाभोलकर रोड, वालकेश्वर, __ मलबार हील, मुंबई - ४०० ००६. टे. फोन : ३६९ ६८८१. विशेष:- यह मन्दिर सेठ जीवतलाल प्रतापशी का हैं। वर्तमान में इसका संचालन श्री वसंतभाई कर रहे हैं। परम पूज्य आचार्य भगवन्त विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी म. के समुदाय के मुनिराज श्री रत्नभूषण विजयजी महाराज की पावन निश्रा में वि.सं. २०३३ का मगसर सुद ६ को चल प्रतिष्ठा हुई थी। यहाँ पंच धातु की ५ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी ३ एवं अष्टमंगल १ शोभायमान हैं। सूचना :- नारायण दाभोलकर रोड से कमला निकेतन जाने के लिये भगवान लाल इन्द्रजित गली से दायी ओर घूम जाईये। (२०) श्री विमलनाथ भगवान गृह मन्दिर बाणगंगा रोड के पास भगवानलाल इन्द्रजीत गली, विमल सोसायटी ग्राउण्ड फ्लोर, वालकेश्वर, मलबार हील, मुंबई - ४०० ००६. ____टे. फोन : श्री पुंडरीकभाई - ३६७१२ ३९ ।। विशेष:- इस मन्दिरजी के संस्थापक सेठ अंबालाल रतनचन्द धार्मिक ट्रस्ट ने सिद्धान्त महोदधि प्रेम - भानु - पद्म के शिष्य गणिवर पूज्य मुनिराज श्री हेमचन्द्रविजयजी म. की शुभ निश्रा व प्रेरणा से बनवाया था। जिसकी पुन: चल प्रतिष्ठा वि.सं. २०३४ का वैशाख वदी ७ को हुई थी। यहाँ विमलनाथ के साथ वासुपूज्य सुमतिनाथ तथा शंखेश्वर पार्श्वनाथ के साथ सुविधिनाथ व कुंथुनाथ की पाषाण की ६ प्रतिमाजी, पंचधातु की ८ सिद्धचक्रजी - ३ अष्टमंगल -१, पंच धातुकी पद्मावती देवी तथा शत्रुजय व सम्मेतशिखर के पट दर्शनीय है। यहाँ पद्म आराधना ट्रस्ट उपासरा हैं। (२१) श्री आदिनाथ भगवान गृह मन्दिर मानव मन्दिर, मानव मन्दिर रोड, वालकेश्वर - मलबार हील, ___ मुंबई - ४०० ००६. टे. फोन : नविनभाई - ३६९५१६९ (पहला माला) विशेष:- जब हम शकुन्तला ईश्वरलाल कान्तिलाल बंगले की तरफ जायेगे तो बंगले के आगे बढ़ने पर दायी ओर घूमना पडेगा फिर वही सिढियो द्वारा नीचे की ओर (भोयरे के समान) जाना पड़ेगा। यह मन्दिर सन् १९३९ की साल में मगसर सुद ३ को निर्माण होकर प्रतिष्ठा का शुभ दिन मनाया गया था। यहाँ मूलनायक सहित पंच धातु की ५ प्रतिमाजी, आरस की २ प्रतिमाजी, सिद्धचक्रजी - ३, अष्टमंगल - १ सुशोभित हैं। मूल गंभारे मे अन्दरी भाग की ओर श्री वल्लभसूरीश्वरजी म. की प्रतिमाजी भी सुशोभित हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020486
Book TitleMumbai Ke Jain Mandir
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal M Jain
PublisherGyan Pracharak Mandal
Publication Year1999
Total Pages492
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size28 MB
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