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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संस्था की समाधि विचार पुस्तिका का भी जो इस में जोड़ दी गई हैं मुझ पर खूब उपकार है । इसी ऋण को उतारने के कुछ प्रयत्न स्वरूप शांति स्मारक योजनाका पैसा लगाकर प्रकाशित की गई यह पुस्तक संपूर्ण रूपसे संस्थाको सौंपता हू। यह उन्हीं की मालिकी की है। अतः इसमें से जो भी आय हो, उसे किसी भी तरह उपयोग में लेने म संस्था स्वतंत्र है, हमारी कोई शर्त नहीं । मूल तो दीक्षा के अवसर पर प्रकाशित होने के लिए यह पुस्तक तयार की गई थी, पर कई कारणों से दीक्षा में अंतराय प्राते गये और वह सौभाग्यशाली क्षण अभी तक जीवन में न श्रा सका । श्रत; इस प्रकाशन को अधिक रोकना अच्छा न समझने से यह पुस्तक अब प्रस्तुत है । इस बात का प्रत्यंत हर्ष है कि प.पू. आचार्य देव श्री कैलाशसागरसूरिजी के प्रशिष्य विद्वान वक्ता पू. पद्मसागरजी म. सा. के पदवीदान समारोह के अवसर पर (वसंत पंचमी ) इसे प्रकाशित करनेका हमें सुन्दर मौका मिला है । इसके लिए हम अहमदाबाद के जैन नगर के संबंध के प्रभारी है । विनीत - प्रमृतलाल मोदी अहमदाबाद. १६-१-७४ For Private And Personal Use Only el
SR No.020484
Book TitleMukti Ke Path Par
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKulchandravijay, Amratlal Modi
PublisherProgressive Printer
Publication Year1974
Total Pages122
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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