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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेरी मेवाड यात्रा सुन्दरता तथा विशालता दिख पड़ती है, वैसी भारतवर्ष के अन्य किसी राज्य में शायद ही दिखाई दे। जयसमुद्र, उदयसागर, पीछोला, फतेहसागर आदि तालाव, सचमुच ही समुद्र का दृश्य उपस्थित करते हैं। राज्यकी विशेषता ___ यद्यपि, उदयपुर राज्य, गवालियर, मैसूर, और बड़ौदे के सदृश बड़ा राज्य नहीं है, फिर भी, इस राज्य में कुछ खास विशेषताएं देखी जाती हैं। उदयपुर का राज्य, यद्यपि राणाओं का राज्य है, किन्तु राणाओं की अपने इष्टदेव एकलिंगजी पर रहनेवाली अनन्य श्रद्धा के कारण मेवाड़ के राजा तो 'एकलिंगजी' कहे जाते हैं और राणाजी मेवाड़ राज्य के दीवान के नामसे प्रसिद्ध हैं। उदयपुर की गद्दी पर बैठनेवाले राणाओं के सदृश धर्मश्रद्धा भी, शायद ही किसी दूसरे राजघराने में दिखाई दे। उदयपुर राज्य, वर्तमान अंग्रेजी राज्य के आधीन होते हुए भी, अपनी बहुत सी स्वतन्त्रता अभी तक सुरक्षित रक्खे हुए है। वहाँ, अभीतक राज्य का अपना सिक्का चल रहा है और उस पर खुदे हुए 'दोस्ती लन्दन' शब्द, उसकी आंशिक-स्वतन्त्रता के उदयपुर की गद्दी पर, यद्यपि अभी तक अनेक राणा हो चुके हैं, किन्तु इन सब में महाराणा प्रताप का नाम विशेषरूप से इतिहास के पृष्ठों में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इसका कारण है For Private And Personal Use Only
SR No.020479
Book TitleMeri Mevad Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyavijay
PublisherVijaydharmsuri Jain Granthmala
Publication Year
Total Pages125
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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