________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobairthorg Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir STAR // 105 // 106 // मृत्युंजयमंत्रमाह // तारइति // तारॐ // वामकर्णबिंदुयुतः // उबिंदुयुतः शूली जः॥ जूं // ससर्गःसः स्वरूपं // केवलोप्ययंजप्तोनणांमृत्युनाशनः // 107 ॥किंपुनस्तत्पुटितः // व्यासमं उग्रश्रवसमन्यांश्चमुनीन्सेंद्रादिकायुधान् // एवंसिद्धमनुमंत्रीकवित्वंशोभना प्रजाः // 10 // व्याख्यानशक्तिकीर्तिचलभतेसंपदांचयम् // मृत्युंजयेनपुटितंयोव्यासस्यमजपेत् // 106 // सर्वोपद्रवसत्यक्तोलभतेवांछितफलम् // तारःशूलीवामकर्णबिंदुयुक्त ससर्गसः // 107 // मृत्यु जयस्यमंत्रोयंत्रिवर्णो मृत्युनाशनः // जप्तोयकेवलोनृणामिष्टसिद्धिप्रयच्छति // किंपुनस्तेनपुंटितो वेदव्यासमनृत्तमः // 108 // इतिश्रीमंत्रमहोदधौसूर्यादिमंत्रकथनंनामपंचदशस्तरंगः // 15 // त्रः // अस्यमत्रस्यकहोलऋषिदेवीगायत्रीछंदामृत्युंजयोदेवताजूंबीजंस शक्तिः // दीर्घाढयसकारेणषड ङ्गम् // 108 // इतिश्रीमंत्रमहोदधिनौकाटीकायांसूर्यादिमंत्रनिरूपणंपंचदशस्तरंगः // 15 // EmotimonTHEHome 1 जूसःव्यांवेदव्यासायनमःसाजूंॐ॥ For Private and Personal Use Only