________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kalassagarsur Gyanmandir www.kobalrm.org मं०म० नमः / मालतीश्रीपा०॥६॥ ॐ धरिणाख्यै नमः / धरिणाखीश्रीपा०॥ 7 // ॐ मदोत्कटायै नमः / मदोत्कटाश्रीपा०॥ 8 // पू० ख०१ २९.ालाइति पूजयित्वा पुष्पांजलिं च दद्यात् // इति सामावरणम् // 7 // ततो भूपुरे पूर्वादिक्रमेण इन्द्रादिदशदिक्पालान बजायायुधानि च मि तं० संपूज्य पुष्पांजलिं च दद्यात् // इत्यावरणपूजां कृत्वा धूपादिनमस्कारांतं संपूज्य पुष्पांजल्यष्टकं दद्यात् ॥तत्र मंत्रः--"ॐ नमोस्तु पुष्पबाणा तरं० 11 काय जगदानंदकारिणे // मन्मथाय जगन्नेत्ररतिप्रीतिप्रदायिने // 3 // " इति पुष्पांजल्यष्टकं दत्त्वा करी बद्धाप्रार्थयेत् // तत्र मंत्रः-"ॐ देवदेव जगन्नाथ वांछितार्थप्रदायक // कनान्पूरय मे त्वर्थान्कामान्कामेश्वरीप्रिय // 1 // " इति संप्रार्थ्य जपं कुर्यात् // अस्य पुरश्च रणं त्रिलक्षजपः॥ तत्तदशांशेन होमतर्पणमार्जनब्राह्मणभोजनं च कुर्यात् // एवं कृते मंत्रः सिद्धो भवति / सिद्धे च मंत्र मंत्री प्रयोगान साधयेत् // तथा च--"लक्षत्रयं जपेन्मत्रं मधुरत्रयसंयुतैः // पुष्पैः किंशुकजैः फुल्लर्तुत्वा तत्तद्दशांशतः // 1 // इत्थं यो भजते देव / / मुगंधिकुसुमादिभिः // स भवेल्लब्धसौभाग्यो लक्ष्म्या जितधनेश्वरः॥२॥ अशोकपुष्पैर्दध्यक्तैर्जुहुयादिवसत्रयम् // अष्टोत्तरसहस्रं यः स / भवेजगतां प्रियः // 3 // गव्येनाज्येन जुहयान्मंत्रेणाष्टोत्तरं शतम् // साधकेन्द्रससंपातमर्चिते हव्यवाहने // 4 // संपाताज्येन बनि Hता भोजयेदात्मनः पतिम् // अनया यद्यदादिष्टं तत्तत्स कुरुते सदा // 5 // कन्यार्थी जुहुयाल्लाजैर्दध्यक्तैर्मडलांतरे // कन्यामिष्टामवा मोति सापि तत्पतिमामुयात् // 6 // कथितं पुष्पबाणस्य सांगोपांगसमर्चनम् // सौभाग्यकांतिविभवदारापुत्रसमृद्धिदम् ) // 7 // " अथ कामगायत्रीमंत्रो यथा “ॐ कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि // तन्नोनंगः प्रचोदयात् // "अष्टो। तरशतं कामगायच्या मंत्रविनमः // गायव्येषा बुधैरुक्ता जवा जनविमोहिनी // 8 // इति कामदेवबीजमंत्रप्रयोगः // // 29 // For Private And Personal Use Only