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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobalrm.org Acharya Shri Kailassagarsur Gyanmandir // म. म A सूर्यमंडलाय नमः / / इति मंत्रेण कलशं स्पृष्ट्रा पूर्वादिषु द्वादश मूर्यकला यजेत / तथा च / ॐ के भै नपिन्यै नमः ॥1॥ॐ सं पू खं० 1 तापिन्यै नमः // 2 // ॐ गं फंधम्राय नमः // 3 // ॐघ पं मरीच्यै नमः॥४॥ ॐ हुंनं ज्यालिन्यै नमः॥ ॥ॐ शाम त रुच्यै नमः // 6 // ॐ छ दं मपम्णायै नमः॥ 7 // ॐ जथं भोगदायै नमः // 8 // ॐझं तं विविश्वाय नमः / / 2. ॐ तर. 10 Jeणं बोधिन्यै नमः // 10 // ॐ टं टं धारिण्यै नमः // 11 // ॐ ठंडं क्षमाय नमः // 12 // इति पूजयेत् / / नतः मुवामित वश्वगालिततीर्थामृतेन घटमापूर्य्य तृतीयकटमुच्चार्य कामप्रदपोडशकलाव्यातात्मने सोममंडलाय नमः // इति मंत्रोक्ष्य तदमृते पोडशच न्त्रकला यजेत् // तथा च-ॐ अं अमृताय नमः // 3 // ॐ आं मानदायै नमः // 2 // ॐ हं पूपाय नमः // 3 // ॐई तुष्टय नमः // 4 // ॐ उं पुष्टय नमः // 5 // ॐ ॐ रत्यै नमः // 6 // ॐ धृत्यै नमः // 7 // ॐ शशिन्यै नमः // 8 // ॐ लं चन्द्रिकायै नमः // 1 // ॐ लं, कात्यै नमः // 30 // ॐएं ज्योत्स्नाय नमः // 13 // ॐ ए श्रियै नमः // 12 // ॐ ओंत्री त्यै नमः // 13 // ॐ औं अंगदायै नमः // 14 // ॐ अं पूर्गायै नमः / / 15 // ॐ अः पूणामृताय नमः / / 16 // इति मंपूज्य द्रव्यशुद्धिं कुर्यात् / / तथा च--"ॐ मुधादेवी विद्महे कामेश्वर्य च धीमहि / / तन्नो रक्तानि प्रचोदयात" इति मुधागायत्रीमंत्रण दश धाभिमंत्र्य मूलमंत्र दशधा जपेत् / / इति शुद्धिं संपाद्य शापमोचनं कुर्यात् / तथा च / ॐ एवमेव परं ब्रह्म स्थूलसूक्ष्ममयं ध्रुवम् // कचोद्भवां ब्रह्महत्यां तेन ते नाशयाम्यहम् // 1 // मूर्यमंडलसंभूते वरुणालयसम्भवे // आस्यबीजमये देवि शुकशापाद्विमुच्य। ताम् // 2 // वेदाना प्रणवो बीजं ब्रह्मानन्दमयं यदि // तेन सत्येन ते देवि ब्रह्महत्या व्यपोहतु // 3 // इति मंत्रण सुधायामाच्छाय For Private And Personal Use Only
SR No.020472
Book TitleMantra Maharnav
Original Sutra AuthorN/A
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Publisher
Publication Year
Total Pages682
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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