________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrm.org Acharya Shri Kalassagarsun Gyanmandir // अथ हनुपदष्टादशाक्षरमंत्रप्रयोगः // मंत्रो यथा ( मंत्रमहोदधौ )-"ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा” इत्यष्टादशा शरो मंत्रः॥ अस्य विधानम् ॥अस्य मंत्रस्य ईश्वर ऋषिः। अनुष्टुप् छंदः। हनुमान् देवता / हुं बीजम् / स्वाहा शक्तिः। सर्वेष्टसिद्धये जपे। विनियोगः // ॐ ईश्वरऋषये नमः शिरसि // 1 // अनुष्टुपछंदसे नमः मुखे // 2 // हनुमद्देवतायै नमः हृदि / / 3 / / हुंबीजाय नमः गुह्ये // 4 // स्वाहाशक्तये नमः पादयोः॥५॥ विनियोगाय नमः सर्वांगे // 6 // इति ऋष्यादिन्यासः॥ ॐ आंजनेयाय नमः हृदयाय नमः १॥ॐ रुद्रमूर्तये नमः शिरसे स्वाहा // 2 // ॐ वायुपुत्राय नमः शिखायै वषट् // 3 // ॐ अग्निगर्भाय नमः कवचाय हूं॥४॥ ॥ॐ रामदूताय नमः नेत्रत्रयाय वौषट् // 5 // ॐ ब्रह्मास्त्रनिवारकाय नमः अस्त्राय फट् // 6 // इति हृदयादिषडंगन्यासः // एवं करन्यास कित्या ध्यायेत्।। अथ ध्यानम् / / "ॐ दहनतप्तसुवर्णसमप्रभं भयहरं हृदये विहितांजलिम् / श्रवणकुंडलशोभिमुखांबुजं नमत वानरराज मिहाद्भुतम् // 1 // " इति ध्यायेत् // ततः सर्वतोभद्रमंडले मंडूकादिपरतत्त्वांतपीठदेवताः संस्थाप्य नव पीठशक्तीः पूजयेत् // तद्यथापूर्वादि क्रमेण // ॐ विमलायै नमः // 1 // ॐ उत्कपिण्यै नमः॥२॥ ॐ ज्ञानाय नमः // 3 // ॐ क्रियायै नमः॥ 4 // ॐd योगायै नमः // 5 // ॐ प्रवचै नमः // 6 // ॐ सत्यायै नमः // 7 // ॐ ईशानायै नमः॥८॥ मध्ये ॐ अनग्रहायै नमः॥९॥ इति पूजयेत् // ततः स्वर्गादिनिर्मित यंत्रं मूर्ति वा ताम्रपात्रे निधाय घृतेनात्यज्य तदुपरि दुग्धधारां जलधारां च दत्त्वा स्वच्छवस्त्रण संशोय "ॐ नमो भगवते हनुमते सर्वभूतात्मने हनुमंताय सर्वात्मसंयोगपद्मपीठात्मने नमः” // इति मंत्रेण पुष्पायासनं दत्त्वा पीठमध्ये संस्थाप्य प्रतिष्ठां च कृत्वा मृलेन मूर्ति प्रकल्प्य पाद्यादिपुष्पांतैरुपचारैः संपूज्य आवरणपूजां कुर्यात् // तद्यथा-पुष्पांजलिमादाय मूलमुच्चा For Private And Personal Use Only